भारतीय हॉकी टीम ने 15 साल बाद फिर जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा जमाया. लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने बेल्जियम को 2-1 से शिकस्त देकर खिताब पर कब्जा किया. दोनों ही टीमों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला. लेकिन आखिरी में बाजी भारतीय टीम ने जीता. यह दूसरा मौका है जब भारतीय जूनियर हॉकी टीम वर्ल्ड चैंपियन बनी है.
भारत ने जीता जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप का खिताब
फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने शुरुआत से ही जोरदार हमले किए और दो पेनल्टी कॉर्नर भी मिले. लेकिन इसका फायदा भारतीय टीम नहीं उठा सकी. बावजूद इसके भारत की तरफ से बेल्जियम पर जोरदार हमले जारी रहे. भारत की तरफ से पहला गोल गुरजंट सिंह ने किया. गुरजंट का इस टूर्नामेंट में दूसरा गोल था. सेमीफाइनल मुकाबले में भी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गोल किया था. भारत की तरफ से दूसरा गोल सिमरनजीत सिंह की स्टिक से निकला. पहले हाफ में 22 मिनट के खेल के बाद भारत 2-0 आगे रहा. बेल्जियम ने आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से गोल किया.इस शानदार जीत के बाद भारतीय टीम को बधाईयां मिल रही हैं
Ind's Jr generation seems 2 b born/brought up on AstroT!Super win over Belg!Gr8 fast Hockey!Coach Harender's done fab job!Boys thx fr thrill
— Bishan Bedi (@BishanBedi) December 18, 2016
Congratulations Team India🇮🇳on winning the Junior #Hockey World Cup! Belgian chocolates are good but nothing beats Indian laddoos😉#INDvBEL pic.twitter.com/UFjipxzEre
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) December 18, 2016
Congratulations Indian men's hockey team @TheHockeyIndia for winning Junior World Cup by defeating Belgium. 🏑🏑
— Vijender Singh (@boxervijender) December 18, 2016
दूसरे हाफ में भी भारतीय टीम ने आक्रमक हॉकी खेली
दूसरे हाफ में भी भारतीय टीम ने जोरदार हमले किए और बेल्जियम की एक न चलने दी. भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन में भी गोल नहीं किया. भारत 2-0 से आगे रहा. बेल्जियम ने वापसी की पूरी कोशिश की लेकिन दूसरे हाफ में भारतीय डिफेंस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और खिताब पर कब्जा जमा लिया. तीसरे स्थान के लिए खेले गए मैच में जर्मनी ने ऑस्ट्रेलिया को 3-0 से हराया.
भारत ने दूसरी वर्ल्ड कप जीता
साल 2001 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में अर्जेंटीना को 6-1 से हारकर खिताब पर कब्जा जमाया था. इसके अलावा भारतीय टीम को 1997 में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार मिली थी. इस जीत ने भारतीय हॉकी में नई जान फूंकी है.