भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने मंगलवार को अतीत में मानसिक प्रताड़ना और चयन में भेदभाव की शिकायत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्होंने जो झेला वह मौजूदा #MeToo खुलासों के दायरे में आता है.
राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता ज्वाला ने चयन में उन्हें निशाना बनाए जाने के अपने आरोपों को एक बार फिर दोहराया है. उन्होंने कहा, ‘शायद मुझे भी उस मानसिक प्रताड़ना की बात करनी चाहिए जिससे मैं गुजरी....#MeToo
ज्वाला ने आरोप लगाया, ‘साल 2006 से, इस व्यक्ति के प्रमुख बनने के बाद से...राष्ट्रीय चैंपियन होने के बावजूद मुझे राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया.
सबसे ताजा मामला तब का है जब मैं रियो से लौटी. मुझे फिर राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया. एक कारण बताया गया कि मैंने खेलना छोड़ दिया है!!’Maybe I should talk about the mental harassment I had to go through... #metoo
— Gutta Jwala (@Guttajwala) October 9, 2018
हैदराबाद में रहने वाली इस खिलाड़ी के लंबे समय से मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद के साथ मतभेद रहे हैं. इस दौरान ज्वाला ने यह आरोप भी लगाए कि वह पूरी तरह से एकल खिलाड़ियों पर ध्यान देते हैं और युगल खिलाड़ियों की अनदेखी करते हैं.
Since 2006.since this person became the chief ..threw me out of national team inspite of me being a national champion.the latest was when I returned from https://t.co/Ag37TlXFd3 out of national team https://t.co/OVhyvFNAN9 of the reasons I stopped playing!!
— Gutta Jwala (@Guttajwala) October 9, 2018
ज्वाला ने दावा किया था कि गोपीचंद की आलोचना के कारण राष्ट्रीय टीम में उनकी अनदेखी हुई और यहां तक कि उन्होंने युगल जोड़ीदार भी गंवा दिया. इस खिलाड़ी ने हालांकि मंगलवार को किए ट्वीट में गोपीचंद का नाम नहीं लिया. ज्वाला ने कई ट्वीट करते हुए ना तो किसी का नाम लिया और ना ही यौन उत्पीड़न के किसी मामले का जिक्र किया.
ज्वाला ने कहा, ‘2006 से... 2016 तक... बार बार मुझे टीम से बाहर किया जाता रहा... मेरे प्रदर्शन के बावजूद... 2009 में मैंने टीम में वापसी की जब मैं दुनिया की नौवें नंबर की खिलाड़ी थी.’गोपीचंद हालांकि अतीत में इन आरोपों का जवाब देने से बचते रहे हैं.