scorecardresearch
 

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट में कोहली-आमिर युग का आरंभ

पहले तीन विकेट गिरे तो लगने लगा कि अगर ये 50ओवर्स का मैच होता तो आमिर अकेले ही पूरी टीम का सफाया कर देते लेकिन जिस तरह कोहली ने उनको मैनेज किया वो कोई वर्ल्ड क्लास बैट्समैन ही कर सकता था.

Advertisement
X
कुशल, योग्य, सूझबूझ और दूरदर्शी दिमाग वाले बेहतरीन बल्लेबाज हैं विराट कोहली
कुशल, योग्य, सूझबूझ और दूरदर्शी दिमाग वाले बेहतरीन बल्लेबाज हैं विराट कोहली

Advertisement

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट इतना खास क्यों होता है ये एशिया कप टी20 के महामुकाबले में एक बार फिर देखने को मिला जब दोनों टीमों के बीच प्रतिद्वंद्विता अपने चरम पर थी. यह मैच जिसने भी देखा वो अपनी सांसें थाम कर बस देखता ही गया.

जब टीम इंडिया बॉलिंग कर रही थी, पाकिस्तानी विकेट तेजी से गिर रहे थे और 83 पर पाकिस्तान को ऑल आउट करने के बाद तो सभी भारतीय प्रशंसकों को यह जरूर लगने लगा था कि मैच एकतरफा ही होगा लेकिन जिस तरह मोहम्मद आमिर ने पहले ही ओवर की चार गेंदों पर रोहित और रहाणे को चलता करने के बाद अगले ओवर में रैना को भी पवेलियन की राह पकड़ा दी तो मैच पाकिस्तान के पलड़े में झुक गया. लेकिन यह मैच आने वाले वक्त में कोहली-आमिर युग के आरंभ के तौर पर याद किया जाएगा.

Advertisement
आमिर पर कोहली भारी
यहां से वो क्रिकेट खेली गई जो आने वाले दिनों में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट के एक नए दौर को लिखने की झलक भर है. पहले तीन विकेट गिरे तो लगने लगा कि अगर ये 50ओवर्स का मैच होता तो आमिर अकेले ही पूरी टीम का सफाया कर देते लेकिन जिस तरह कोहली ने उनको मैनेज किया वो कोई वर्ल्ड क्लास बैट्समैन ही कर सकता था.

पहले तीन ओवर्स में 8 रन पर तीन विकेट खो चुकी टीम इंडिया के सामने एक समय 83 रन भी बहुत बड़ा स्कोर दिखने लगा था लेकिन ऐसे में एक ओर उप कप्तान और न केवल टीम के बल्कि पूरी दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज विराट कोहली ने बागडोर संभाल रखी थी तो दूसरी ओर टीम के पूर्व उप कप्तान और भारत को दोबारा वनडे वर्ल्ड कप दिलाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले युवी खड़े थे. इन दोनों ने यहां से वो पारी खेली जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है.

आज की बल्लेबाजी ये बताने के लिए काफी है कि क्यों कोहली बाकी बल्लेबाजों से अधिक दमदार हैं. वो मोहम्मद आमिर को बहुत आसानी से मैनेज कर रहे थे. वो आमिर को बस रोकने की कोशिश कर रहे थे. उनके दिमाग में मैच के दौरान क्या चल रहा था वो उन्होंने मैच के बाद पुरस्कार दिए जाने के दौरान बताया. उन्होंने मुश्किल विकेट पर घातक आमिर को उनकी शानदार बॉलिंग के लिए मैच के दौरान ही बधाई दी. मुश्किल हालात की समझ और उस पर शानदार गेंदबाजी कर रहे बॉलर को सम्मान देना, यही तो किसी क्रिकेटर को बड़ा बनाता है. यानी टीम की बागडोर एक ऐसे कुशल, योग्य, सूझबूझ और दूरदर्शी दिमाग के पास जा रहा है जो उसे पूरी दुनिया में टीम का झंडा ऊंचा करने से नहीं रोक सकता.

Advertisement
अगर भारत पाकिस्तान के बीच आने वाले दिनों में द्विपक्षीय सीरीज खेली जाती है तो इन दोनों के बीच होने वाला मुकाबला वकार-जडेजा, सचिन-अकरम, कपिल-मियांदाद, इमरान-गावस्कर और वेंकटेश-सोहेल की याद जरूर दिलाएगा. यहां ये बताना जरूरी है कि 2013 से पहले जहां विराट कोहली का जीत में 53.3 योगदान था वो इसके बाद से बढ़कर 89.4 फीसदी हो गया है. ऑस्ट्रेलिया के दौरे से पहले तक कोहली जहां चौथे सबसे अधिक रन बनाने वाले टी20 बल्लेबाज थे वहीं अब वो बड़े अंतर के साथ नंबर एक पर बैठे हैं. इस फॉर्मेट के लिए वो जिस तरह से ढाल चुके हैं उससे वर्ल्ड टी20 टूर्नामेंट में भारत की दावेदारी और भी मजबूत होती दिख रही है.

ऐसी बॉलिंग देखी नहीं
धोनी ने जब टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करने का निर्णय लिया तो उनके दिमाग में कहीं भी ऐसा नहीं होगा कि वो पाकिस्तान को 100 से कम पर रोक लेंगे. पहले ही ओवर में नेहरा ने पहले ही ओवर में मोहम्मद हाफिज को चलता कर विकेट के पतझड़ की शुरुआत कर दी. उनकी गेंदों पर रन बनाना पाकिस्तान के लिए मुश्किल हो गया था. नेहरा लय में थे तो धोनी ने भी उनसे लगातार तीन ओवर्स फेंकवा डाले. उनकी 18 गेंदों पर दो चौके समेत कुल 18 रन ही बन सके. दूसरी छोर से बुमरा उनका बखूबी साथ दे रहे थे. बुमरा का पहला ओवर मेडेन गया. अगली ओवर में दो चौके लगे तो एक विकेट भी उन्होंने झटक लिया. इन दोनों के छह ओवर्स तक पाकिस्तान के तीन विकेट गिर चुके थे और स्कोरकार्ड पर पाकिस्तान के खाते में केवल 32 रन जुड़े थे.

Advertisement

इसके बाद पांड्या और युवराज ने विकेट ताश के पत्ते की तरह बिखेर दिए. पंड्या ने आते ही शोएब मलिक को चलता किया और हवा में उछलते हुए अपने दोनों पैर की एड़ी को टकराने के खास अंदाज में उसका जश्न भी मनाया. 32 से 42 तक पहुंचने में पाकिस्तान के तीन और विकेट निकल गए. रही सही कसर जडेजा ने पूरी की. जडेजा सीधी गेंद फेंक रहे थे. राउंड द विकेट बॉलिंग करते हुए वो पाकिस्तानी क्रिकेटर्स के लिए आज टेरर बन गए. उन्होंने अपनी बॉलिंग और बैटिंग के जरिए ये बता दिया कि आप फील्ड में न केवल बैट और बॉल से बल्कि फील्डिंग से भी टीम के लिए अहम योगदान दे सकते हैं.

मैदान पर चीते की फूर्ति
ये फील्डिंग के लिहाज से बहुत ही शानदार प्रदर्शन वाला मैच था जिसमें क्रिकेटर्स अपना सब कुछ देने को तैयार थे लेकिन इस मैच का निर्णय अपने पक्ष में चाहते थे और यही उनके प्रदर्शन में भी दिखा. सीधे थ्रो पर आउट करना अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कम दिखता है लेकिन कोहली और जडेडा ने जिस तरह से इस टी20 मैच में इन दोनों ने फील्डिंग की उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वो कम नहीं है. जडेजा न केवल आउट फील्ड में बल्कि अपनी गेंदबाजी के दौरान भी बेहतरीन फील्डिंग का नजारा पेश कर रहे थे. जोंटी रोड्स के समय ये बार बार कहा जाता था कि अगर आप बल्ले से योगदान नहीं दे रहे तो अच्छी फील्डिंग से 25-30 रन तो बचा ही सकते हैं और इस मैच में कुछ ऐसा ही फील्डिंग का नजारा देखने को मिला.

कितना महत्वपूर्ण था ये मैच दोनों टीमों के लिए इसका इससे ही पता चलता है कि दोनों टीमें सुरक्षित खेलना चाहती थीं और मैच के दौरान एक भी छक्का नहीं जड़ा गया. यह ऐसा केवल पांचवा मैच है जब किसी अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच में कोई छक्का नहीं लगा.

Live TV

Advertisement
Advertisement