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रोहित शर्मा के 'डबल धमाल' की खास बातें

टी 20 फॉर्मेट ने क्रिकेट को बदलकर रख दिया है. सिर्फ एक साल के अंदर वनडे क्रिकेट में दो दोहरा शतक, वो भी एक ही बल्लेबाज के द्वारा, है ना कमाल. हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने वो कर दिखाया, जो अब तक अकल्पनीय था.

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अपनी रिकॉर्डतोड़ पारी के दौरान रोहित शर्मा
अपनी रिकॉर्डतोड़ पारी के दौरान रोहित शर्मा

टी 20 फॉर्मेट ने क्रिकेट को बदलकर रख दिया है. सिर्फ एक साल के अंदर वनडे क्रिकेट में दो दोहरा शतक, वो भी एक ही बल्लेबाज द्वारा, है ना कमाल. हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने वो कर दिखाया, जो अब तक अकल्पनीय था.

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कोलकाता वनडे मैच में श्रीलंका के खिलाफ रोहित ने 173 गेंदों में 33 चौके और नौ छक्के की मदद से 264 रन बनाए. पिछले दोहरे शतक में उन्होंने सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ा था और इस बार वीरेंद्र सहवाग के वर्ल्ड रिकॉर्ड को ढेर कर दिया. शायद ही वनडे इतिहास में चोटिल होने के बाद किसी खिलाड़ी ने टीम में ऐसी वापसी की होगी.

आइए जानते हैं रोहित की इस वर्ल्ड रिकॉर्ड पारी की 9 खास बातें...
शुरुआत सिंगल-डबल से
इंजरी के बाद टीम में वापसी कर रहे रोहित शर्मा ने अपनी पारी की शुरुआत सिंगल-डबल से की. उन्होंने अपना अर्धशतक पारी के 25वें ओवर में पूरा किया. उन्होंने इस वक्त तक 72 गेंदें खेली थी और सिर्फ 5 चौके लगाए. वैसे भी क्रिकेट की क्लास में यही सिखाया जाता है... पहले पिच को समझो. गेंद को बल्ले पर आने दो. टाइमिंग पाओ. रन तो बाद में भी बन जाएंगे. रोहित ने इसी रणनीति को सही साबित किया.

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शतक पूरा करने के बाद रोकना नामुमकिन
शतक पूरा होने के बाद मानो रोहित शर्मा के कंधे पर से बहुत बड़ा बोझ उतर गया हो. उन्होंने 100 गेंदों में अपना सैकड़ा पूरा किया. इसी बहाने एक बार फिर ओपनिंग के लिए दावेदारी ठोंक दी. पर इसके बाद मानो वह कहर की तरह बरपे. रोहित ने पहले पचास रन 72 गेंदों, दूसरा 28 गेंदों, तीसरा 25 गेंदों, चौथा 26 गेंदों और पांचवां सिर्फ 15 गेंदों में पूरे किए. उन्होंने अपनी पारी के आखिरी 73 गेंदों में 164 रन जुटाए.

जीवनदान मिले तो उसका फायदा उठाओ
वनडे में किसी भी गेंदबाज के लिए विकेट झटकने के लिए 60 मौके होते हैं पर बल्लेबाज के आउट होने के लिए सिर्फ एक गेंद. ऐसे में अगर आपको जीवनदान मिल जाए तो उसका फायदा जरूर उठाना चाहिए. कुछ ऐसा ही रोहित शर्मा ने भी किया. रोहित ने मात्र 4 रन के निजी स्कोर पर एक गलत शॉट खेला था पर किस्मत उनके साथ थी. थर्डमैन पर तिशारा परेरा ने उनका कैच छोड़ दिया और अब नतीजा सबके सामने है.

पहले गेंदबाज को परखो फिर टूट पड़ो
रोहित ने अपनी इस पारी में श्रीलंका के हर गेंदबाज की खबर ली. पर शुरुआत में रोहित ने उन्हें पहले परखा. विरोधी टीम की हर रणनीति को भांपा. जब पूरी तरह से समझ गए कि अब कोई खतरा नहीं तो विरोधी गेंदबाज पर टूट पड़े. जब अजंता मेंडिस अपना पहला ओवर डालने आए थे तो उन्हें सिर्फ तीन सिंगल लिया. पर क्रीज पर जम जाने के बाद उन्होंने मेंडिस के हर ओवर में उनकी खबर ली.

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पार्टनरशिप के जरिए लक्ष्य पाओ
रोहित शर्मा ने इस पारी में पार्टनरशिप बनाने पर जोड़ दिया. पहले तीसरे विकेट के लिए विराट कोहली के साथ 202 रन की साझेदारी की और पांचवें विकेट के लिए रॉबिन उथप्पा के साथ 128 रनों की.

अगर आप अच्छा खेल रहे हो तो पारी को अंत तक ले जाओ
रोहित शर्मा ने पारी के बाद दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैंने पहली ही तय कर लिया था कि लंबी पारी खेलनी है. बैटिंग के लिए विकेट अच्छा था. 300-350 रनों के लक्ष्य का आसानी से पीछा किया जा सकता है. इसलिए मैं ज्यादा से ज्यादा समय तक क्रीज पर बने रहना चाहता था.' हुआ भी ऐसा ही. रोहित मैच के पहले ओवर से लेकर भारतीय पारी की आखिरी गेंद तक खेले.

इसे कहते हैं मौके पर चौका
रोहित ने इस पारी के साथ वर्ल्ड कप टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है. इसके अलावा वनडे में ओपनिंग पोजीशन के लिए दावेदारी भी मजबूत कर दी है. यानी जब मौका मिले उसे भुनाने से चूको मत.

सिर्फ छक्के नहीं चौकों से भी रन बन जाते हैं
रोहित शर्मा ने जब पिछली बार दोहरा शतक जड़ा था तब इसमें करीब 100 रन छक्के के बूते आए थे. लेकिन इस पारी में उन्होंने चौकों पर ज्यादा ध्यान लगाया. 264 रन की पारी में 33 चौके और सिर्फ 9 छक्के.

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पर्सनल माइलस्टोन से ज्यादा टीम के स्कोर पर ध्यान
रोहित शर्मा ने यह रिकॉर्ड कैसे बनाया, इस पर कुछ भी लिखना बेमानी है. उनका ध्यान टीम के स्कोर पर था. शायद यही वजह रही कि रोहित ने एक बार भी दोहरे शतक का दबाव महसूस नहीं किया. ये बात उन्होंने अपने इंटरव्यू में भी मानी.

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