ब्राजील में गुरुवार से फुटबॉल का महाकुंभ फीफा वर्ल्ड कप शुरू हो गया है. भारत में भी इसका खुमारद छाया हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए डाक टिकट भी जारी किया.
सांबा की धुन पर थिरकते नर्तकों, पिटबुल और जेनिफर लोपेज की आवाज के जादू और फुटबाल के लिए ब्राजील की दीवानगी बयां करती रंगारंग संगीतमय पेशकश के बीच आज अगले एक महीने तक चलने वाले फुटबाल के महासमर का आगाज हो गया.
कोरिंथियंस एरेना में भारतीय समयानुसार रात 11 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुए 20वें विश्व कप फुटबाल के उद्घाटन समारोह में वह सब कुछ था, जिसके लिए ब्राजील को जाना जाता है. रंग बिरंगे परिधानों में जुटे लोकनर्तकों ने देश की संगीतमय विरासत की शानदार नुमाइश की.
टूर्नामेंट का पहला मैच पांच बार के चैम्पियन ब्राजील और क्रोएशिया के बीच खेला जाएगा. इसके साथ ही पिछले कई महीनों से ब्राजील में विश्व कप के आयोजन के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन से फोकस मैदान पर चला जायेगा जहां फुटबाल के सबसे बड़े खिताब के लिए दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों के बीच जोर आजमाइश होगी.
समारोह में आकषर्ण का केंद्र मैदान के बीचो-बीच रखी बड़ी सी गेंद थी, जिसके इर्द-गिर्द रंग-बिरंगे फूलों और पेड़ों के परिधान पहने कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी. ब्राजीली मार्शल आर्ट कापोइरा की भी खास झलक स्टेडियम में जमा और दुनिया भर में टीवी के सामने नजरें गड़ाए बैठे फुटबालप्रेमियों के सामने पेश की गई. ब्राजीली जीवन शैली की झलक दिखाने के लिए कुछ कलाकारों ने जिम्नास्टिक का सहारा लिया तो कुछ छोटी छोटी नावों पर मैदान में उतरे. मैदान पर बड़े बड़े नगाड़े भी आकषर्ण का केंद्र बने हुए थे. फुटबाल को मजहब मानने वाली ब्राजील की संस्कृति की झलक स्कूली बच्चों ने पेश की जो रैफरी बनकर पिच पर उतरे थे.
इसके बाद ब्राजील का ध्वज मैदान में लाया गया. करीब 64 बच्चे इलास्टिक से जुड़ी गेंद से खेलते नजर आए. आखिर में मैदान के बीच रखी गई रंग बिरंगी एलईडी गेंद के पट खुले और उसके भीतर से मशहूर पॉप स्टार जेनिफर लोपेज, पिटबुल और ब्राजीली गायिका क्लाउडिया लेइटे निकले. उन्होंने मिलकर विश्व कप का आधिकारिक गीत ‘ओला ओले: वीआर वन’ गाया तो मैदान पर जमा दर्शक भी साथ झूम उठे.
पेंटा यानी पांच बार विश्व कप जीत चुके ब्राजील में टूर्नामेंट का आयोजन 1950 के बाद पहली बार हो रहा है. विश्व कप के आयोजन के खिलाफ पिछले कई महीने से देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं और पुलिस को आज उद्घाटन समारोह से कुछ घंटे पहले भी साओ पाउलो सबवे स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर बुलेट और आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विश्व कप पर इतना पैसा बहाने की बजाए स्वास्थ्य, शिक्षा और सस्ते परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं पर खर्च किया जाना चाहिए. प्रदर्शन के अलावा विश्व कप के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने में विलंब को लेकर भी ब्राजील की काफी आलोचना हुई है.
बहरहाल, अब ये तमाम मसले गौण हो जायेंगे और लोगों की नजरें मेस्सी, रोनाल्डो और नेमार जैसे सितारों पर टिक जाएंगी. अगले एक महीने के लिये यहां मानो जीवन थम जाएगा और रह जाएगी सिर्फ हुनर की जंग जिसका इंतजार ब्राजील ही नहीं पूरी दुनिया कर रही है.