टीम इंडिया के कैप्टन कूल साउथम्पटन में मिली बड़ी हार से ज्यादा बल्लेबाजों के प्रदर्शन से निराश हैं. धोनी को लगता है कि अगर बल्लेबाज बचे हुए दो टेस्ट मैचों में शुरुआत करने के बाद आउट हो जाएं तो मेहमान टीम के लिए यह थोड़ी चिंता बन सकती है.
इंग्लैंड ने जिस पिच पर सात विकेट पर 569 रन बनाए, उस पर भारतीय टीम दो पारियों में 330 और 178 रन पर सिमट गई. धोनी से जब पूछा गया कि कुछ बल्लेबाज अच्छी शुरुआत करने के बाद अपना विकेट गंवा बैठे तो उन्होंने कहा, ‘अगर इसका लगातार दोहराव होगा तो यह थोड़ी चिंता का विषय बन जाएगा. उम्मीद करते हैं कि यह आदत नहीं बन जाए.’
कप्तान ने कहा, ‘लेकिन अच्छी बात यह है कि बल्लेबाज अच्छी शुरुआत कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि वे इन शुरुआत को बड़ी पारियों में तब्दील करें, शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है अच्छी शुरुआत करना. उम्मीद है कि वे मजबूती से वापसी करेंगे.’
धोनी ने यह भी स्वीकार किया कि उनके बल्लेबाज ऑफ स्पिनर मोइन अली को अच्छी तरह से नहीं खेल पाए. सपाट पिच पर उनकी टीम की असफलता की दुहाई देते हुए धोनी ने कहा, ‘हम उनके जीतने की उम्मीद नहीं कर रहे थे लेकिन यही क्रिकेट है. हम जानते थे कि वे मजबूती से वापसी करेंगे और हमारे लिए भी लॉर्ड्स में जीत के बाद लय जारी रखना नई चुनौती थी.’
धोनी ने कहा, ‘हमारे बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के खिलाफ बेहतर खेले लेकिन हमने मोइन अली को अच्छी लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करने दी. पिच काफी खराब हो गई थी और इसका उसे फायदा मिला. साथ ही वहां काफी पास में फील्डर्स भी थे. मुझे लगता है कि हमें उसके खिलाफ थोड़ा और सकारात्मक होना चाहिए था.’
शुरू से ही भारत इस टेस्ट में पिछड़ा सा लग रहा था जैसे कि लगातार मैचों की थकान टीम पर हावी हो गई हो. गेंदबाज थके लग रहे थे, फील्डर्स ने अहम कैच गंवाए और उन्हें पांचवें गेंदबाज की कमी खली जिससे उन्हें इस बार सात बल्लेबाजों से मैदान पर उतरना पड़ा.
धोनी से जब स्टुअर्ट बिन्नी के रूप में अतिरिक्त गेंदबाज को बाहर रखने का फैसले के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘इस टेस्ट ने हमें दिखा कि कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें हमें सुधार करना होगा और टेस्ट मैच जीतने के लिए हमें 20 विकेट चटकाने की जरूरत होती है. लेकिन इस मैच में हम 10 विकेट भी हासिल नहीं कर सके और यह निश्चित रूप से कुछ हद तक झटका था.’