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विश्वनाथन आनंद को हराकर मैग्नस कार्लसन फिर बने वर्ल्ड चैम्पियन

नार्वे के मैग्नस कार्लसन ने विश्वनाथन आनंद पर अपना दबदबा बरकरार रखते हुए लगातार दूसरे साल वर्ल्ड शतरंज चैम्पियनशिप खिताब जीत लिया है. रविवार को हुए मुकाबले में उन्होंने आनंद को 11वीं बाजी में हराया. पिछले साल कालर्सन ने चेन्नई में यह मुकाबला 45 चालों में जीता था.

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मैच के दौरान आनंद और कार्लसन
मैच के दौरान आनंद और कार्लसन

नार्वे के मैग्नस कार्लसन ने विश्वनाथन आनंद पर अपना दबदबा बरकरार रखते हुए लगातार दूसरे साल वर्ल्ड शतरंज चैम्पियनशिप खिताब जीत लिया है. रविवार को हुए मुकाबले में उन्होंने आनंद को 11वीं बाजी में हराया. पिछले साल कालर्सन ने चेन्नई में यह मुकाबला 45 चालों में जीता था.

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विशेषज्ञों की नजर में भले ही यह करीबी मुकाबला रहा हो, लेकिन आनंद 2013 की तुलना में सिर्फ एक बाजी अधिक खेल सके. चेन्नई में दस बाजियों के बाद ही फैसला हो गया था और आनंद ने इस मुकाबले से कई सबक लिए होंगे. रविवार को कालर्सन ने उन्हें 11 बाजियों के मैच में 6.5 और 4.5 से हराया.

मुकाबले में हार के बाद अब आनंद अगले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में खिताब जीतने की कोशिश करेंगे. आनंद को पता था कि वह ड्रा से खिताब की दौड़ में बरकरार रहेंगे, लेकिन वह आखिरी बाजी तक इंतजार नहीं करना चाहते थे और पहला मौका मिलने पर कार्लसन के लिए पेचीदगी बढ़ाने की कोशिश की.

आनंद ने 11वीं बाजी में कार्लसन की तुलना में कम गलतियां की, लेकिन लय बरकरार नहीं रख पाए. दूसरी ओर कार्लसन ने आनंद को चाल दर चाल माकूल जवाब दिया. मैच के बाद आनंद ने स्वीकार किया कि कार्लसन ने अधिक शांतचित्त होकर मुकाबला खेला. विशेषज्ञों की राय में आनंद के पास बढ़ि‍या मौका था, लेकिन वह इसे भुना नहीं सकें. आनंद ने मुकाबले के बाद कहा, 'सभी बातों को ध्यान में रखा जाए तो उसने बेहतर खेला. मैने कुछ गलतियां की.'

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-इनपुट भाषा से

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