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लिएंडर पेस ने कहा कि महेश भूपति की वजह से लंदन ओलंपिक में नहीं जीत सके थे मेडल

भारतीय टेनिस को नए मुकाम पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले लिएंडर पेस ने साफ किया कि उन्होंने कभी सर्बिया के खिलाफ डेविस कप विश्व ग्रुप प्लेऑफ में खेलने से मना नहीं किया और वह हर समय देश की तरफ से खेलने के लिए तैयार हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि महेश भूपति की वजह से उनके लिए लंदन ओलंपिक बुरा रहा था.

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लिएंडर पेस
लिएंडर पेस

भारतीय टेनिस को नए मुकाम पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले लिएंडर पेस ने साफ किया कि उन्होंने कभी सर्बिया के खिलाफ डेविस कप विश्व ग्रुप प्लेऑफ में खेलने से मना नहीं किया और वह हर समय देश की तरफ से खेलने के लिए तैयार हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि महेश भूपति की वजह से उनके लिए लंदन ओलंपिक बुरा रहा था.

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महेश की वजह से नहीं जीते लंदन ओलंपिक में पदक
भूपति के साथ जोड़ी बनाने के बारे में पूछे जाने पर पेस ने कहा, 'नहीं ऐसा कभी नहीं होगा. व्यक्तिगत रूप से मेरा ध्यान ग्रैंडस्लैम और ओलंपिक पर है. मैं नहीं जानता कि महेश कितने समय तक कोर्ट पर रहेगा. उसने खेलना कम कर दिया है क्योंकि फिलहाल वह केवल दो टूर्नामेंट में खेला है. उन्होंने कहा, 'लेकिन मेरे लिए अपने लक्ष्य तक पहुंचना महत्वपूर्ण है. यहां तक कि मेरा पूरा एकल करियर महेश के आने से पहले तक चला जिसमें मुझे सफलता मिली और मैंने ओलंपिक पदक जीता. पेस ने कहा, 'यहां तक कि वह संन्यास ले लेता है तो भी मेरा लक्ष्य रियो ओलंपिक में जगह बनाना और पदक जीतना है. महेश की वजह से लंदन में पिछला ओलंपिक मेरे लिए बुरा रहा. उन्होंने न सिर्फ पदक जीतने की मेरी उम्मीदों पर पानी फेरा बल्कि भारत ने भी पदक जीतने का मौका गंवाया.'

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महेश के साथ नहीं बनाऊंगा जोड़ी...
पद्म भूषण से सम्मानित होने के बाद पेस ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कई मुद्दों पर खुलकर बात की. पेस से जब सर्बिया के खिलाफ डेविस कप खेलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझसे पूछा गया था कि क्या मैं देश की तरफ से खेलूंगा? मेरा जवाब था कि मैं देश के लिए अपना कर्तव्य निभाने से कभी दूर नहीं भागा. इसके बाद मुझसे पूछा गया मैं खिलाड़ी, कप्तान और इस तरह की किस भूमिका में आना चाहूंगा, इस सवाल के लिए भी मेरा जवाब पहले जैसा ही था. इसे गलत तरीके से लिया गया. जहां तक मेरा सवाल है तो मैं देश की तरफ से खेलने के लिए तैयार हूं. अगर सर्बिया के खिलाफ होने वाले मुकाबले के लिए मेरी जरूरत पड़ती है और अगर मुझे खिलाड़ी या कप्तान किसी भी भूमिका में उतारा जाता है, तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा.' पेस ने कहा, 'मेरे पास एआईटीए से बुलावा आना चाहिए मैं भारत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा. भारत में एआईटीए टेनिस चलाता है और अगर उन्हें लगता है कि मेरी उपस्थिति से बदलाव हो सकता है तो फिर सर्बिया के खिलाफ मुकाबले के लिए टीम के साथ रहूंगा.' इससे पहले रिपोर्टों में कहा गया था कि पेस सितंबर में होने वाले मुकाबले के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे लेकिन इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने हालांकि साफ किया कि वह अपने पुराने साथी महेश भूपति के साथ जोड़ी नहीं बनाएंगे.

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मेरी नजर 2016 ओलंपिक खेलने पर...
पेस ने इसके साथ ही कहा कि उनका अगला लक्ष्य रियो डि जनेरियो में 2016 में होने वाले ओलंपिक खेलों में पदक जीतना है जो उनके करियर का सातवां ओलंपिक होगा. लॉस एंजिल्स 1996 में एकल में कांस्य पदक जीतने वाले इस 40 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, 'मेरा लक्ष्य 2016 ओलंपिक खेलों में भाग लेना है जो कि मेरा सातवां ओलंपिक होगा. रियो ओलंपिक में अब केवल दो साल का समय है और यह वास्तविक लक्ष्य है. मैं पुरुष युगल में टॉप टेन में शामिल हूं और मैंने छह महीने पहले आखिरी ग्रैंडस्लैम जीता था. इसलिए मेरे लिए लंबी समय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जज्बा बनाये रखना महत्वपूर्ण है.'

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