तनख्वाह विवाद के कारण भारत दौरा बीच में छोड़कर गई वेस्टइंडीज टीम में एक नया विवाद शुरू हो सकता है. टीम के अहम खिलाड़ी मार्लोन सैमुअल्स ने कहा है कि वह दौरे को बीच में छोड़कर जाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन साथी खिलाड़ियों ने उनकी बात नहीं मानी. कप्तान ड्वेन ब्रावो ने अपने साथी खिलाड़ी के आरोपों को नकार दिया है.
गौरतलब है कि सेलरी विवाद के कारण वेस्टइंडीज टीम भारत दौरा बीच में ही छोड़ कर चली गई थी. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वेस्टइंडीज से द्विपक्षीय क्रिकेट संबध तोड़ने की घोषणा कर दी. साथ ही 400 करोड़ का हर्जाना भी मांगा. इस पूरे विवाद में सैमुअल्स ने स्थानीय मीडिया से कहा, 'वेवेल हिंड्स जिनपर खिलाड़ियों का पक्ष रखने की जिम्मेदारी थी, वो मेरी जगह अपनी बात नहीं रख सकते. लेकिन ये दौरा खत्म करने के बाद भी किया जा सकता था.' सैमुअल्स इस पूरे विवाद पर सार्वजनिक रूप से बोलने वाले पहले खिलाड़ी हैं. सैमुअल्स ने कहा, 'मेरे लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट पहले है, इसलिए मैं लौटने के पक्ष में नहीं था. इस मुद्दे पर टीम की जो भी मीटिंग हुई, मैं उन सबसे बाहर ही रहा. मेरा ध्यान सिर्फ अपने खेल पर था.'
सैमुअल्स के इस दावे से टीम के कप्तान ड्वेन ब्रावो ने इनकार किया है. उन्होंने कहा, 'मैंने मीडिया में उसके बयान पढ़े और सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि सैमुअल्स लगभग सारी मीटिंग में शामिल हुए. वह प्लेयर्स एसोसिएशन के सदस्य भले न हो, लेकिन हमने हर कदम उसको विश्वास में लेकर ही किया. उसने मीटिंग में कई बार अपनी राय भी दी, लिहाजा मैं मीडिया में उसके पलटी मार जाने से हैरान हूं.'
ब्रावो ने आगे कहा, 'मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हमने जो भी फैसला लिया, वो सारे खिलाड़ियों के साथ पूरी चर्चा के बाद ही लिया. दौरा रद्द करने को लेकर सभी एकमत थे. मुझे बोर्ड से बात करने के लिए खिलाड़ियों ने ही नॉमिनेट किया था.'