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एशियाई चैंपियनशिप: फाइनल में मेरी कॉम-सोनिया, सरिता देवी को ब्रॉन्ज मेडल

मेरी कॉम ने जापान की सुबासा कोमुरा को 5-0 से हराया. वह छह में से पांचवीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है.

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मेरी कॉम
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पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन एम सी मेरी कॉम ने एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पांचवें स्वर्ण पदक की ओर कदम बढाते हुए आज फाइनल में प्रवेश कर लिया. मेरी कॉम ने जापान की सुबासा कोमुरा को 5-0 से हराया. वह छह में से पांचवीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है.

वह अपने पांचवें स्वर्ण पदक से केवल एक कदम दूर हैं. फाइनल जीतने पर यह 48 किलोवर्ग में उनका पहला एशियाई स्वर्ण होगा. राज्यसभा सांसद, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता 35 साल की मेरी कॉम पांच साल 51 किलो में भाग लेने के बाद 48 किलोवर्ग में लौटी हैं.

वहीं रेलवे की कर्मचारी सोनिया लाठर ने उज्बेकिस्तान की योदगोरोय मिरजाएवा को 57 किलोग्राम वर्ग में मात दी. उनका सामना स्वर्ण पदक के लिए चीन की जुनहुआ जिन से होगा. सोनिया ने कहा, ‘अभी तक का टूर्नामेंट काफी अच्छा रहा है. मैं फाइनल मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करूंगी.’

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इस टूर्नामेंट में जहां एक ओर मैरी कॉम और सोनिया को सफलता हासिल हुई, वहीं सरिता देवी को निराशा का सामना करना पड़ा. चीन की डान डोउ के हाथों 64 किलोग्राम वर्ग में मिली हार के साथ ही सरिता के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद को बड़ा झटका लगा.सरिता देवी (64 किलो) को ब्रॉन्ज मैडल से ही संतोष करना पड़ा.

मणिपुर की मुक्केबाज मेरी कॉम करीब एक साल बाद मुक्केबाजी रिंग में वापसी कर रही हैं. हालांकि, अपने अनुभव से उन्होंने इस मैच में जापान की मुक्केबाज को आसानी से हरा दिया.

पहले चरण से ही कोमुरा ने अपनी दूरी बनाई हुई थी और उनको उम्मीद थी कि वह दूसरे चरण में मैरी कॉम पर दबाव बना लेंगी, लेकिन भारतीय दिग्गज महिला मुक्केबाज ने कोमुरा को उनके पंचो का अच्छा जवाब देते हुए जीत हासिल की.

मेरी कॉम का सामना अब मंगोलिया की मुक्केबाज जार्गालान ओचिरबाट और उत्तरी कोरिया की मुक्केबाज किम हयांग मी के बीच खेले जाने वाले मुकाबले की विजेता खिलाड़ी से होगा.

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