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अगर मैं फिट हूं तो कोई बॉक्सर मुझे आसानी से नहीं हरा सकता: मेरी कॉम

ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली इस मुक्केबाज का मानना है कि ओलंपिक में पदक जीतना खेलों के महाकुंभ में क्वालिफाई करने से आसान है. क्योंकि हमें विश्व चैंपियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में खेलना होता है, जहां हर टीम अच्छी होती है और हर मैच जीतना होता है.

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मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम
मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम

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भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मेरी कॉम ने एक बार फिर अपना दम दिखाया है. वियतनाम में खेली गई एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मेरी कॉम का कहना है कि अगर वह फिट हैं और लगातार अभ्यास कर रही हैं, तो कोई भी मुक्केबाज उन्हें आसानी से नहीं हरा सकती. मेरी कॉम ने एशियाई चैंपियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है.

इस चैंपियनशिप में मेरी कॉम का यह पांचवां स्वर्ण पदक था. ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली इस मुक्केबाज का मानना है कि ओलंपिक में पदक जीतना खेलों के महाकुंभ में क्वालिफाई करने से आसान है. क्योंकि हमें विश्व चैंपियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में खेलना होता है, जहां हर टीम अच्छी होती है और हर मैच जीतना होता है और बड़े-बड़े खिलाड़ियों को टक्कर देनी पड़ती है, जो काफी मुश्किल होता है. मेरी कॉम गुरुवार को ही भारत लौटी हैं.

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मेरी कॉम ने कहा कि उनका ध्यान अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों पर है. उन्होंने कहा, 'मैं खुश हूं कि 48 किलोग्राम भारवर्ग श्रेणी राष्ट्रमंडल खेलों में है. मेरी कोशिश पहले इन खेलों में पदक जीतने की है उसके बाद किसी और टूर्नामेंट के बारे में सोचूंगी.'

मेरी कॉम इससे पहले 51 किलोग्राम भारवर्ग में मुकाबला कर रही थीं, लेकिन एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने 48 किलोग्राम भारवर्ग में वापसी की. मेरी कॉम का कहना है कि अगर टोक्यो ओलंपिक-2020 में 48 किलोग्राम श्रेणी होती है, तो वह पदक जीतने को लेकर आश्वस्त हैं. अगर नहीं, तो उन्हें 51 किलोग्राम भारवर्ग में खेलना है.

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