एमसी मैरीकॉम को उस समय पदम भूषण के लिए चुना गया जब भारतीय मुक्केबाजी संकट में दौर से गुजर रही है जिससे ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता इस मुक्केबाज को देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने के बाद ‘मिश्रित अहसास’ है.
पहले ही पदमश्री से सम्मानित से सम्मानित मैरीकॉम ने कहा, ‘इस पुरस्कार के लायक समझा जाना बड़े सम्मान की बात है लेकिन भारतीय मुक्केबाजी के मौजूदा हालात को लेकर मैं दुखी भी हूं. इसलिए यह मेरे लिए मिश्रित अहसास की तरह है.’
उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए सुखद आश्चर्य था क्योंकि मुझे नहीं लगता कि कोई मेरे बारे में बात कर रहा था.’ भारतीय मुक्केबाजी को उस समय करारा झटका लगा जब वैश्विक संस्था एआईबीए ने पिछले साल चुनाव में संभावित धोखाधड़ी के लिए आईएबीएफ को अस्थानई तौर पर निलंबित कर दिया. शुरुआत में मुक्केबाजों को निलंबन से अलग रखा गया था लेकिन एआईबीएफ के सुधारवादी कदम उठाने में प्रगति नहीं करने के कारण एआईबीए ने इस साल की शुरुआत में मुक्केबाजों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से भी प्रतिबंधित कर दिया.
मैरीकॉम ने कहा, ‘हम जिस और बढ़ रहे हैं मैं उससे चिंतित हूं. युवाओं का भविष्य बड़ी चिंता है. हम किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकते जिससे हमारी प्रेरणा और प्रदर्शन प्रभावित होगा.’ उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय मुक्केबाजी के लिए मुश्किल समय है. इससे बचा जा सकता था लेकिन अब जब हमें सजा मिली है तो मैं उम्मीद करती हूं कि यह मामला जल्द ही सुलझ जाएगा जिससे कि मुक्केबाजों को लंबे समय तक परेशानी नहीं उठानी पड़े.’
पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम पहले ही देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न हासिल कर चुकी हैं. इसके अलावा उन्हें अर्जुन पुरस्कार भी मिला है जबकि वह महिला मुक्केबाजी के लिए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) की दूत भी हैं.