पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद सचिन तेंदुलकर को रोल मॉडल तो मानते हैं लेकिन साथ ही उनका यह भी मानना है कि उनकी ही तरह सचिन ने भी संन्यास लेने में देर की है. इतना ही नहीं उनका यह भी मानना है कि सचिन के संन्यास लेने के बाद लोगों की स्मृति में उनकी यादें धुंधली पड़ जाएंगी क्योंकि वो ऐसे समय में संन्यास ले रहे हैं जबकि भारतीय क्रिकेट टीम में उनकी जगह भरने के लिये कुछ अच्छी प्रतिभाएं मौजूद हैं.
मियांदाद ने कहा, ‘इस क्षेत्र के क्रिकेट प्रेमियों की प्रकृति कुछ इस तरह से है कि यदि कोई खिलाड़ी अपना अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा खींचने की कोशिश करता है तो फिर वे उसके संन्यास लेने के बाद जल्द ही उसे भूल जाते हैं.’
तेंदुलकर वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लेंगे. यह उनका 200वां टेस्ट मैच भी होगा. मियांदाद ने कहा कि उन्होंने स्वयं अपना करियर लंबा खींचने की कोशिश की थी और यह उनके लिये अच्छा साबित नहीं हुआ था. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि तेंदुलकर को पहले संन्यास ले लेना चाहिए था और वह ऐसे समय में विदाई ले रहे हैं जबकि भारत के पास कुछ बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं जो कि लोगों के मौजूदा नायक और आदर्श हैं.’
मियांदाद ने कहा कि तेंदुलकर अपने अंतिम मैच से पहले तमाम तरह के सम्मान और तारीफों के हकदार हैं. उन्होंने कहा, ‘यह देखना अच्छा है. वह इस तरह के सम्मान और आदर का हकदार है क्योंकि तेंदुलकर ने पिछले कई वर्षों से भारतीय क्रिकेट में बहुत योगदान दिया है और आधुनिक युग के स्टार बल्लेबाजों में उनका स्थान सुनिश्चित है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं क्रिकेट खेलने वाले सभी देशों के युवा क्रिकेटरों के लिये रोल मॉडल के रूप में उनके नाम की सिफारिश करूंगा.’