1911 में ईस्ट यॉर्कशायर रेजिमेंट को हराकर मोहन बागान की टीम किसी यूरोपीय टीम को हराने वाली पहली भारतीय टीम बनी थी. कोलकाता की दिग्गज फुटबॉल टीम मोहन बागान ने अब 13 साल बाद प्रतिष्ठित आईलीग का खिताब अपने नाम कर लिया है. मोहन बागान ने गत चैम्पियन बंगलुरु एफसी के साथ 1-1 से ड्रॉ खेलकर टूर्नामेंट का खिताब जीता.
बेलो रसाक ने बराबरी का गोल दागकर बागान को जरूरी अंक दिलाया और टीम चौथी बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीतने में सफल रही. मोहन बागान के इस टूर्नामेंट में 39 अंक हासिल किए, जबकि बंगलुरु एफसी की टीम 37 अंकों के साथ दुसरे स्थान पर रही.
गौरतलब है कि वर्ष 2001-02 के राष्ट्रीय फुटबॉल लीग खिताब के दौरान भी नाईजीरिया के अब्दुल सालियु ने ही बागान की ओर से विजयी गोल दागा था, और इस बार भी नाईजीरिया के रसाक ने टीम को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
बंगलुरु की टीम को पहले हाफ के 41वें मिनट में जॉन जॉनसन ने बढ़त दिलाई. इसके बाद आखरी समय तक बागान की टीम गोल करने में असफल रही लेकिन 87वें मिनट में रसाक ने बराबरी का गोल दागकर टीम के प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दे दिया. रसाक ने हैडर से गोल दागा.
पहला हाफ पूरी तरह से बंगलुरु एफसी के नाम रहा जिसने कुछ शानदार मूव बनाए. दूसरे हाफ में हालांकि बागान ने लगातार हमले बोलकर मेजबान टीम के डिफेंस को दबाव में डाले रखा. लेकिन आखिर में बराबरी का गोल दागकर मोहन बागान ने खिताब अपने नाम कर लिया.