नॉर्वे के टॉप डिवीजन क्लब स्टेबीक की तरफ से खेलने वाले गोलकीपर गुरप्रीत सिंह का मानना है कि इससे एक फुटबॉलर के रूप में उनका विकास हुआ है और वह चाहते हैं कि अधिक से अधिक भारतीय विदेशी क्लबों में खेलें ताकि भारत को इस खेल में मजबूत ताकत बनाया जा सके.
24 वर्षीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को प्यूटरेरिको के खिलाफ तीन सितंबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच के लिए बुलाया गया है. उन्होंने कहा, ‘मेरा लक्ष्य नार्वे में खेलना, उसके चोटी के क्लब की पहली टीम में जगह बनाना और उसकी तरफ से खेलना था. इससे खेल के हर पहलू में मेरा विकास हुआ है. मैं आगे भी बेहतर बनने का प्रयास जारी रखूंगा. मेरे लिए यूरोप में खेलना अच्छा है.’
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मुझे अच्छा लग रहा है कि कम से कम हमारे पास एक खिलाड़ी है जो विदेशों में खेलता है. मुझे बहुत खुशी होती यदि कोई अन्य खिलाड़ी भी विदेशों में खेल रहा होता.’
गुरप्रीत ने कहा, ‘इसी तरह से भारतीय फुटबॉल प्रगति कर सकता है. मेरा मानना है कि हर कोई भारत से बाहर खेल सकता है विशेषकर अंडर-17 के खिलाड़ी. आप जितने युवा हैं उतना बेहतर है.’
मोहाली में जन्में इस युवा खिलाड़ी ने कहा, ‘मेरा अनुबंध अगले साल समाप्त हो रहा है. मैं अन्य क्लब से अनुबंध करने की कोशिश करूंगा. कोई भी देश हो मुझे इससे कोई परहेज नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस मुकाम तक पहुंचने में सफल रहूंगा. यूरोप में खेलना सपना सच होने जैसा है. मैंने जो कुछ हासिल किया उस पर मुझे गर्व है.’