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खेलगांव में रोज परोसे जायेंगे 150 से अधिक व्यंजन, 250 शेफ जुटे

राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दुनिया के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली आने वाले खिलाड़ियों और अधिकारियों को खेलगांव में रोजाना 150 से अधिक व्यंजन परोसे जायेंगे.

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राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दुनिया के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली आने वाले खिलाड़ियों और अधिकारियों को खेलगांव में रोजाना 150 से अधिक व्यंजन परोसे जायेंगे जिसमें विभिन्न किस्म के पास्ता, पिज्जा, बर्गर, भारतीय दस्तरखान की दावतें और अफ्रीका के मशहूर व्यंजन शामिल हैं.

खेलगांव के लांच के मौके पर किचन और फूड प्रोडक्शन प्रभारी और 2006 के मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में भी अपनी सेवायें दे चुके वाल्टर ने बताया, ‘मेनू तैयार हो चुका है. हम रोज करीब 40000 लोगों को दिन में चार बार खाना परोसेंगे जिसमें नाश्ता, लंच, डिनर और सपर शामिल है. सभी भागीदार देशों के खान पान को ध्यान में रखकर मेनू तैयार किया गया है जिसमें रोजाना 150 से अधिक व्यंजन परोसे जायेंगे और रोज मेनू में बदलाव होगा.’ तीन से 14 अक्तूबर तक होने वाले खेलों के लिये टीमें 20 सितंबर के बाद से आना शुरू हो जायेंगी. यहां रसोई को पश्चिमी, एशियाई, भारतीय, अफ्रीकी, शाकाहारी, सलाद और फल तथा पिज्जा और पास्ता जैसे अलग अलग वर्गों में बांटा गया है.

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यह पूछने पर कि गौमांस परोसने की मनाही होने से उसका क्या विकल्प होगा, जर्मन मूल के इस आस्ट्रेलियाई शेफ ने कहा, ‘हम भैस के मांस के कुछ व्यंजन परोसेंगे. गौमांस बिल्कुल इस्तेमाल नहीं होगा.’ विदेश से पानी के आयात की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ मसाले और फल आयात किये जा रहे हैं. मसलन कीवी, पीनट बटर और कुछ खास किस्म के मसाले बाहर से मंगवाये गए हैं.

वहीं कैटरिंग सलाहकार अजय ग्रोवर ने बताया कि एक बार में करीब 2300 लोगों को खाना परोसा जायेगा और किचन चौबीसों घंटे खुली रहेगी. उन्होंने बताया कि डाइनिंग परिसर में अल्कोहल नहीं परोसी जायेगी लेकिन खेलगांव के इंटरनेशनल जोन में एक बार बनाया गया है.

{mospagebreak}मेनू के बारे में ताज सेट्स एयर कैटरिंग के शेफ अरूण गोवलानी ने बताया कि पोषण को ध्यान में रखकर ही इसे तैयार किया गया है. भारतीय रसोई के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया, ‘हमने भारत के सभी क्षेत्रों के मशहूर खान पान को शामिल करने की कोशिश की है जिससे हमारी संस्कृति की भी बानगी हम पेश कर सकें.’ उन्होंने कहा, ‘नाश्ते में इडली सांबर, ढोकला, पराठे वगैर भी होंगे जबकि खाने में गट्टा करी, मुगलई दस्तरखान, हैदराबादी बिरयानी, चेट्टीनाड व्यंजन जैसी भारतीय विशिष्टतायें शामिल है. कांटिनेंटल में अमेरिकी, इतालवी, चीनी और अफ्रीकी व्यंजन परोसे जायेंगे.’ इतनी बड़ी रसोई के संचालन की व्यवस्था के बारे में पूछने पर आस्ट्रेलिया की डेलावेयर नार्थ कंपनीज से जुड़े वाल्टर ने बताया कि 260 शेफ्स की टीम लगातार काम कर रही है जिसमें जर्मन और आस्ट्रेलियाई खानसामे शामिल हैं.

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उन्होंने बताया कि अधिकांश सामान स्थानीय बाजार से ही खरीदा गया है. सामान की खपत के बारे में उन्होंने कहा, ‘रोजाना हमें करीब सात टन मीट, 18 टन चावल, 600 से 1400 किलो प्याज और इससे कुछ अधिक आलू की जरूरत होगी. अंडों की संख्या के बारे में कयास नहीं लगाया जा सकता क्योंकि वह हर मील का अहम हिस्सा होगा.’ यह पूछने पर कि विदेशी महासंघों से खाने को लेकर कोई खास फरमाइश भेजी गई है, वाल्टर ने कहा, ‘ऐसी कोई फरमाइश नहीं है. टेंडर प्रक्रिया के दौरान ही सारा मेनू तय हो जाता है. हमने किचन में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा है और हर क्षेत्र के टेस्ट का भी.’

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