टीम इंडिया के कैप्टन कूल एमएस धोनी ने साल 2014 के अंत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया. टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री खुद भी इस फैसले से हैरान रह गए. हालांकि उन्होंने संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर धोनी सिडनी टेस्ट खेल सकते हैं.
क्रिकइंफो को दिए गए इंटरव्यू में रवि शास्त्री ने कहा कि धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के फैसले से हम सब 'स्टंप्ड' हो गए. उन्होंने कहा, 'धोनी के इस फैसले के बारे में किसी को नहीं पता था. धोनी के पोस्ट मैच (मेलबर्न टेस्ट) प्रेजेंटेशन से लौटते वक्त तक हमें नहीं पता था. वहां से लौटकर उसने मुझसे बात की और फिर साथी खिलाड़ियों से. उसने अपने परिवार तक से इस फैसले के बारे में बात नहीं की थी.'
शास्त्री ने कहा, 'संन्यास का फैसला किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत निजी होता है. लेकिन एक अच्छा खिलाड़ी जानता है कि कब उसे संन्यास लेना है.' शास्त्री से जब पूछा गया कि क्या वो धोनी के फैसले से सहमत हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'इसमें कोई शक नहीं कि यह फैसला सबके लिए अप्रत्याशित था लेकिन यह हिम्मत भरा फैसला था. धोनी ने 100 टेस्ट मैच या और किसी रिकॉर्ड का इंतजार नहीं किया. उन्हें कोई धूमधाम वाला फेयरवेल नहीं चाहते थे. यह उनका कैरेक्टर दिखाता है, वो अलग हैं.'
जब शास्त्री से पूछा गया कि धोनी अगर कप्तानी से परेशान थे तो खिलाड़ी के तौर पर 100 टेस्ट खेलने का इंतजार कर सकते थे. इस पर शास्त्री ने कहा, 'धोनी को ऐसा लगा कि वो खुद के और टीम के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं. इसके लिए उनका सम्मान होना चाहिए ना कि उनके फैसले पर शक करना चाहिए.' शास्त्री से जब पूछा गया कि विराट कोहली के बढ़ते प्रभाव और आपका उनको पूरी तरह सपोर्ट करना भी धोनी के टेस्ट संन्यास का एक कारण है तो उन्होंने कहा, 'यह बकवास मैंने भी सुनी, लेकिन यह महज बकवास है.'
धोनी और विराट के बीच मतभेद की खबरों पर शास्त्री ने कहा, 'आप लोगों को इसका अंदाजा नहीं कि धोनी की अगुवाई का कितना सम्मान है. सिर्फ विराट के लिए ही नहीं बल्कि पूरी टीम के लिए. सपोर्ट स्टाफ और प्रशासन सभी धोनी का सम्मान करते हैं.'
धोनी के अभी भी टीम में रहने के बारे में शास्त्री ने कहा, 'वो ऑस्ट्रेलिया में ही रहेंगे लेकिन टीम के साथ नहीं.' उनसे जब पूछा गया कि ऐसी खबरे हैं कि धोनी रिद्धिमान साहा के स्टैंडबाय होंगे तो उन्होंने कहा, 'बिल्कुल, अगर जरूरत पड़ी तो...' धोनी के टेस्ट करियर पर टिप्पणी करते हुए इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'इस पर बहस हुई है कि वह (धोनी) कोई दिग्गज क्रिकेटर नहीं था लेकिन मेरी नजर में वो किसी से कम भी नहीं था.'
शास्त्री से जब पूछा गया कि धोनी नरम थे तो विराट गरम ऐसे में क्या खिलाड़ियों को मुश्किल हो सकती है तो इस पर उनका जवाब था, 'मेरे समय में मैं कई कप्तानों के अंदर खेल चुका हूं, उनमें से कोई भी कप्तान एक जैसे नहीं थे. कप्तान की अपनी पर्सनैलिटी होती है और जो बेस्ट होते हैं वो खिलाड़ियों को उनकी सोच और तरीका अपनाना सिखा देते हैं.'
शास्त्री ने बताया कि शिखर धवन और विराट कोहली के बीच कोई बहस नहीं हुई थी. आपको बता दूं कि विराट करीब पांच साल से टीम के साथ और कुछ खिलाड़ी उसके साथ अंडर-19 टीम में भी खेल चुके हैं.
शास्त्री से जब पूछा गया कि आपने कोहली की आक्रामकता की तारीफ की है, लेकिन आपको नहीं लगता कि मिशेल जॉनसन के साथ वह ज्यादा प्रोवोकेटिव हो रहे हैं, तो इस पर टीम डायरेक्टर का जवाब था, 'यह उसकी पर्सनैलिटी है, वो आक्रामक, पैशनेट है. आपको नहीं भूलना चाहिए कि उसकी उम्र 26 साल की है.'