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टर्निंग पिच पर महेंद्र सिंह धोनी कायम

टर्निंग पिच मांगने के लिये चारों ओर से आलोचनाओं का सामना कर रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज भी इस तरह की पिच की मांग पर अडिग रहे.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

टर्निंग पिच मांगने के लिये चारों ओर से आलोचनाओं का सामना कर रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज भी इस तरह की पिच की मांग पर अडिग रहे.

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धोनी ने कहा, ‘जब उपमहाद्वीप की बात आती है तो इसमें स्पिनर अहम भूमिका अदा करते हैं. परिणाम जो भी हो, हमें इस तरह के विकेटों पर डटे रहना चाहिए, जो हमारी विशेषता है.’

उन्होंने दोबारा दोहराया, ‘हम टर्निंग पिचों पर कायम रहेंगे. यही हमारा मजबूत पक्ष है. घरेलू फायदा यही होता है.’

धोनी ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा कि जब आप भारत आते हो तो आप टर्निंग ट्रैक पर खेलना चाहते हो. परिणाम भले ही कुछ भी हो. हम अंतिम मैच गंवा बैठे. हम उस विकेट पर खेलना चाहते हैं जो उप महाद्वीप परिस्थितियों को रास आता है.’

उन्होंने कहा, ‘यह बड़ा हिस्सा है. दुनिया में खेलने का उद्देश्य और इससे जुड़ी चुनौतियां वर्ना खत्म हो जाती हैं. कभी कभार हत देखते हैं कि पांच दिन भी परिणाम प्राप्त करने के लिये काफी नहीं होते. मुझे लगता है कि चुनौतियां तभी आती हैं जब आप स्पिन के मुफीद पिच पर खेलते हो. यह मायने नहीं रखता कि आप कुछ मैच गंवाते हो या सीरीज जीतते हो.’

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मोटेरा में मिली हार के बाद इंग्लैंड ने वानखेड़े स्टेडियम की टर्निंग पिच पर भारत को 10 विकेट से हराकर वापसी की और श्रृंखला 1-1 से बराबर कर ली. लेकिन धोनी ने कहा कि हारना और जीतना मायने नहीं रखता, लेकिन घरेलू हालातों पर कायम रहना अहम है.

उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट विभिन्न परिस्थितियां देना है, जिस पर सभी टीमें अच्छा खेलना चाहती हैं.’ यह पूछने पर कि इंग्लिश बल्लेबाजों ने मुंबई में भारतीय स्पिन आक्रमण को धो दिया था तो क्या उन्होंने हालात का आकलन किया है, इस पर धोनी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है. हम उसी पिच पर कायम रहेंगे जिसमें स्पिन मिलती है. यह उसी तरह है जैसे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम अपने घरेलू हालात में मैच जीतती हैं लेकिन वे अपनी विशेषज्ञता पर अडिग रहती हैं. यह उपमहाद्वीपिय टीमों के लिये भी ऐसा ही है.’

दो तेज गेंदबाजों के आक्रमण का संकेत देते हुए धोनी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि शुरू में स्पिनरों को ज्यादा मदद मिलेगी. साल के इस समय में तेज गेंदबाजों को खेल के शुरू में और अंत में थोड़ी स्विंग मिलती है. तेज गेंदबाज सचमुच अहम होंगे.’

भारतीय कप्तान ने स्वीकारा कि पहली पारी की बढ़त हासिल करना महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने कहा, ‘पहली पारी की बढ़त लेना अहम होगा. इससे मैच की लय तय होती है. पहले दो या तीन दिन में बराबरी पर होना अहम है क्योंकि हमने देखा कि अंतिम दो दिन में गेम बदल जाता है. इसके बाद हम पिच पर होने वाली टूट-फूट देखते हैं.’

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वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की अनिरंतर फार्म के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, ‘हमारी टीम सलामी बल्लेबाजों पर काफी निर्भर रहती है. लेकिन हम उन पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं डालना चाहते, हम उन्हें मैच का लुत्फ उठाने देना चाहते हैं. वीरू ऐसा खिलाड़ी है जो खुद को बयां करना पसंद करता है. यह सिर्फ समय की बात है.’

अपनी फॉर्म के लिये आलोचना झेल रहे विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, ‘जब आप तीन साल तक टीम की अगुवाई करते हो तो आप इस हालत में पहुंच जाते हो. आप सिक्के के दोनों पहलू देखते हो. सबसे अहम बात बीच का रास्ता चुनना है. यह बहुत मुश्किल चीज होती है क्योंकि इसमें भावनायें आ जाती हैं.’

यह पूछने पर कि क्या विकेटकीपिंग ने उन पर अतिरिक्त दबाव बना दिया है तो उन्होंने कहा, ‘यह बहुत कठिन होता है लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे आपके गेम पर ज्यादा असर पड़ता है.’

उन्होंने कहा, ‘भारत में जब आप अच्छा करते हो तो आपको बहुत समर्थन मिलता है और जब टीम अच्छा नहीं कर रही होती तो लोग आपकी आलोचना करते हैं. मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहा हूं.’

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