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दोस्ती की भी मिसाल बन गए धोनी, दोस्त के इलाज की ली जिम्मेदारी

एक बड़े खिलाड़ी का दिल कितना बड़ा हो सकता है, इसकी मिसाल बन गए हैं टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी. गंभीर बीमारी से जूझ रहे अपने बचपन के दोस्त संतोष लाल का इलाज कराने के लिए अमेरिका में बैठे धोनी ने हरसंभव मदद देने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली है.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

एक बड़े खिलाड़ी का दिल कितना बड़ा हो सकता है, इसकी मिसाल बन गए हैं टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी. गंभीर बीमारी से जूझ रहे अपने बचपन के दोस्त संतोष लाल का इलाज कराने के लिए अमेरिका में बैठे धोनी ने हरसंभव मदद देने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली है.

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झारखंड के पूर्व रणजी क्रिकेटर संतोष लाल को पेंक्रियाज में इंफेक्शन के चलते रांची अपोलो अस्पताल से एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल में लाया गया है. संतोष का हाल जानने के लिए आज तक संवाददाता जब अपोलो अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि वो फिलहाल आईसीयू में हैं और ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.

संतोष लाल के साथ मौजूद रांची अपोलो अस्पताल के डॉक्टर रचित भूषण ने आजतक से खास बातचीत में कहा, 'संतोष की हालत काफी गंभीर है. उन्हें पेनक्रियाज़ का इंफेक्शन है, जो अब शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैल रहा है. हालांकि उनकी स्थिति पहले से काफी बेहतर है. ऐसी स्थिति से उबरने में 15 से 20 दिन लग जाते हैं लेकिन खतरा लगातार बना रहता है. जब धोनी को उनके बारे में पता चला तो काफी परेशान हो गए. उन्होंने और गौतम जी (धोनी के जीजा) ने सारा इंतज़ाम किया है. उनके दोस्त अरुण और संजय पांडे सोमवार रात यहां आए थे. वो लगातार डॉक्टर्स के संपर्क में हैं. हर 5-6 घंटे में बात कर रहे हैं. धोनी भी जल्द से जल्द लौटने की कोशिश कर रहे हैं.'

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संतोष लाल धोनी के वही दोस्त हैं जिन्होंने धोनी के फेवरेट हेलीकॉप्टर शॉट को ईजाद किया था. हालांकि इस शॉट को धोनी के नाम से ही जाना जाता है, लेकिन धोनी ने खुद संतोष लाल को इस शॉट का श्रेय दिया था.

आज तक को दोनों की दोस्ती के बारे में बताते हुए संतोष के साथ अस्पताल में मौजूद उनके एक और दोस्त राकेश बताते हैं, 'धोनी और संतोष बचपन के दोस्त हैं. संतोष ने सबसे पहले हेलीकॉप्टर शॉट खेला. वो जब खेलते थे तो दुनिया देखती थी, वो 16 ओवर में डबल सेंचुरी बना देते थे. हमने भी वो शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन हम नहीं कर पाए. धोनी ने सीख लिया. आज भी दोनों मिलते हैं तो खूब मस्ती करते हैं लेकिन क्रिकेट के बारे में ज़्यादा बात नहीं करते.'

चैम्पियंस ट्रॉफी और वेस्टइंडीज में त्रिकोणीय सीरीज जीतने के बाद अमेरिका में आराम कर रहे धोनी को जब अपने दोस्त की गंभीर हालत का पता चला तो उन्होंने आनन-फानन में दिल्ली से चार्टर्ड एयर-एम्बुलेंस की व्यवस्था कर अपने दोस्त को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए ना केवल दाखिल करवाया, बल्कि इलाज में होने वाले का खर्च का जिम्मा भी अपने सिर ले लिया.

गरीबी और तंगहाली से जूझ रहे संतोष लाल के पिता ने आज तक से अपने बेटे की हालत के बारे में बताते हुए कहा, 'जिस दिन उसकी तबीयत खराब हुई वो कोमा में चला गया. बेहतर इलाज की ज़रूरत थी इसलिए दिल्ली जाना ज़रूरी था.' संतोष का परिवार धोनी को भगवान का रूप मान रहा है. पिता धोनी का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे तो संतोष ही मां कहती हैं कि, 'धोनी उनके पूर्व जन्म के बेटे की तरह हैं'. टीम इंडिया के कप्तान की शख्सियत का ये पहलू अब से पहले किसी ने नहीं देखा था, लेकिन धोनी तो धोनी हैं और अनहोनी को अपने से दूर रखने की उनकी पुरानी आदत है.

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