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श्रीनिवासन को झटका! 12 खिलाड़ियों समेत श्रीनिवासन के खिलाफ SC ने दिए जांच के निर्देश

बीसीसीआई के पूर्व चीफ एन श्रीनिवासन को शुक्रवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में उनके और 12 अन्य खिलाड़ियों के खिलाफ जांच का आदेश दिए.

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एन श्रीनिवासन
एन श्रीनिवासन

बीसीसीआई के पूर्व चीफ एन श्रीनिवासन को शुक्रवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में उनके और 12 अन्य खिलाड़ियों के खिलाफ जांच का आदेश दिए.

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सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई का जांच कराने के प्रस्ताव को ठुकराते हुए न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल समिति को सौंप दी. मुकुल मुद्गल समिति ने ही इससे पहले भी इस मामले की जांच करके सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी जिसमें श्रीनिवासन और 12 खिलाड़ियों के नामों का जिक्र है.

न्यायमूर्ति ए के पटनायक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुद्गल समिति को निर्देश दिया कि वह इस मामले की जांच पूरी करके अगस्त के अंत तक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे. इस समिति में अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एल नागेश्वर राव और वकील निलय दत्ता भी शामिल हैं.

कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बीबी मिश्रा के नेतृत्व मे जांच अधिकारियों का समूह मुद्गल समिति की जांच में सहयोग करेगा और इस समिति को जांच करने, तलाशी लेने और संबंधित दस्तावेज जब्त करने और सबूत दर्ज करने का अधिकार होगा.

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कोर्ट ने कहा कि जांच समिति को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं होगा. इस समिति की जांच में दिल्ली, मुंबई और चेन्नई पुलिस भी सहयोग करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि श्रीनिवासन के बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटने के बाद अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नियुक्त सुनील गावसकर और शिवलाल यादव अगले आदेश पर इस पद पर काम करते रहेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुद्गल समिति को आगे की जांच करते समय श्रीनिवासन और दूसरे व्यक्तियों के खिलाफ लगे आरोपों की गोपनीयता बनाए रखना जरूरी होगा. कोर्ट ने कहा कि अगर जांच दल में नए सदस्यों को शामिल किया जाता तो इन आरोपों की जानकारी दूसरे व्यक्तियों को हो जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को श्रीनिवासन और 12 अन्य खिलाड़ियों के खिलाफ आरोपों की जांच के बारे में अपना आदेश सुरक्षित रखा था. इससे पहले बीसीसीआई और श्रीनिवासन ने इस मामले में मुद्गल समिति द्वारा आगे जांच कराने का विरोध करते हुए नई जांच समिति गठित करने का अनुरोध किया था.

कोर्ट ने कहा था कि श्रीनिवासन और 12 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मुद्गल समिति की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के बारे में किसी जांच समिति की जांच के बगैर किसी फैसले पर नहीं पहुंच सकता है.

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इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मुद्गल समिति से जानना चाहा था कि क्या वह श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ आरोपों की आगे जांच के लिए तैयार है. बीसीसीआई ने कोर्ट को सूचित किया था कि उसने कलकत्ता हाई कोर्ट न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे एन पटेल, सीबीआई के पूर्व निदेशक आरके राघवन और पूर्व आल राउन्डर रवि शास्त्री की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है.

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