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विश्व कप के दौरान भी रोजा रखेंगे कई फुटबॉलर

जर्मनी के मेसुत ओजिल विश्व कप के दौरान रोजा नहीं रखेंगे लेकिन इसमें भाग लेने वाले कई फुटबॉलर रमजान के महीने में रोजा रखेंगे और उन्हें कड़ी मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा.

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अल्जीरिया का एक फुटबॉलर
अल्जीरिया का एक फुटबॉलर

जर्मनी के मेसुत ओजिल विश्व कप के दौरान रोजा नहीं रखेंगे लेकिन इसमें भाग लेने वाले कई फुटबॉलर रमजान के महीने में रोजा रखेंगे और उन्हें कड़ी मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा.

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इस्लामिक देश ईरान और बोस्निया टूर्नामेंट से बाहर हो गई हैं जबकि अल्जीरिया ने पहली बार अंतिम 16 में प्रवेश किया और उसके खिलाड़ियों को सोमवार को ओजिल की जर्मनी टीम के खिलाफ कड़ी रमजान परीक्षा से गुजरना होगा.

कई देशों में धार्मिक संगठन फुटबॉल और रमजान में व्यवहारिक रवैया रखते हैं. 2008 में मिस्र की मुख्य इस्लामिक संस्था ‘दार अल इफ्ता’ ने पेशेवर फुटबॉलरों को रमजान के दौरान खाने की अनुमति दे दी थी जबकि इस महीने में दिन में खाने की अनुमति नहीं दी जाती.

इस इस्लामिक संस्था ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को रमजान के महीने के दौरान खेलने के लिये अपने अनुबंध का पालना करना अनिवार्य है और उन्हें लगता है कि रोजा रखने से उनके प्रदर्शन पर असर पड़ेगा तो वे खाना खा सकते हैं.

आर्सेनल के मिडफील्डर ओजिल ने कहा, ‘मैं रमजान में रोजे नहीं रख सकता.’ उन्होंने कहा कि वह विश्व कप के दौरान ‘खेल रहे होंगे’ तो, ‘इस साल मेरे लिये रोजा रखना असंभव होगा. अल्जीरियाई टीम जब पोटरे एलेग्रे में जर्मनी से भिड़ेगी तो उसके ज्यादातर खिलाड़ी रोजा रखे होंगे. इसलिए टीम इन रोजा रखने वाले फुटबॉलरों के लिये फीफा के शीर्ष विशेषज्ञों में से एक खेल मेडिसिन विशेषज्ञ हाकिम चालाबी की सेवाएं लेगी.

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चालाबी ने कहा, ‘यह ऐसा समय होता है जब चोट का जोखिम बढ़ जाता है, विशेषकर पीठ के निचले हिस्से में, जोड़ों में और मांसपेशियों में.’ उन्होंने कहा, ‘यह इसलिए होता है क्योंकि खेलने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यह खाने की कमी से नहीं होता. खिलाड़ी एक मैच के दौरान छह लीटर तक पानी गंवा सकते हैं.’

एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि रमजान के दौरान व्यायाम से उबरने के लिये पोषण तत्वों के स्तर में बदलाव जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को इस दौरान पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए. हम उन्हें शाम को अच्छा भोजन करने और पर्याप्त सोने की सलाह देते हैं. मुस्लिम लोग खाने के नियमों के कारण रात में कम सोते हैं.’

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