कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट मुक्केबाज मनोज कुमार ने बुधवार को कपिल देव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका अर्जुन पुरस्कार इस पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को उनकी ओर से करारा जवाब है, जिन्होंने इससे पहले इस मुक्केबाज की उपलब्धियों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था.
शास्त्री भवन में खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद मनोज ने कहा, ‘आज मैं कपिल देव को कह सकता हूं कि मैं मनोज कुमार हूं जिसने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था और अब मुझे अर्जुन पुरस्कार मिला है.’
उन्होंने कहा, ‘आज मैंने कपिल देव को करारा जवाब दिया.’ इससे पहले कपिल देव की अगुआई वाली चयन समिति ने मनोज की पुरस्कार से अनदेखी की थी और एक अन्य मुक्केबाज जय भगवान के नाम की सिफारिश इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए की थी. इस मुक्केबाज के मुताबिक जब उन्होंने अपनी शिकायत कपिल तक पहुंचाने की कोशिश की तो उन्होंने फोन काट दिया और पूछा कि वह कौन है.
इस मुक्केबाज ने कहा, ‘जब मैंने कपिल देव को फोन किया तो उन्होंने मुझसे पूछा ‘क्या मैं आपको जानता हूं’. मैंने उन्हें बताया कि मैं मुक्केबाज मनोज हूं जिसने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था और मेरा नाम अर्जुन पुरस्कार की सूची से हटा दिया और आप ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को पुरस्कार दे रहे हो.’
मनोज ने कहा, ‘मेरा काम मुक्केबाजी करना है. मेरी उपलब्धियों को देखते हुए मैं पुरस्कार का हकदार था. मुझे नहीं पता कि किसने मेरे खिलाफ डोपिंग के झूठे आरोप लगाए और मेरा नाम हटा दिया गया.’ इस घटना से अपमानित महसूस कर रहे मनोज ने खेल मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क किया जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि समीक्षा बैठक में उनका नाम सूची में जोड़ दिया जाएगा. लेकिन समीक्षा बैठक में भी अनदेखी के बाद मनोज ने कोर्ट की शरण ली और दिल्ली हाई कोर्ट में मामला दायर किया.
मनोज यह केस जीत गए जिसके बाद मंत्रालय को पुरस्कार के लिए उनका नामांकन स्वीकार करना पड़ा.
इनपुट भाषा से