आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच को ‘गैरकानूनी’ ठहराने के बंबई हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद एन श्रीनिवासन शुक्रवार को बीसीसीआई कार्यकारिणी की अध्यक्षता करेंगे जो उनका इस शीर्ष पद पर वापसी का संकेत है.
आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग की आंतरिक जांच के लंबित रहने तक श्रीनिवासन ने अपने कार्यों का निर्वहन नहीं किया था लेकिन अब इस महत्वपूर्ण बैठक से लगभग दो महीने बाद अध्यक्ष पद पर उनकी वापसी होगी. बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने साफ किया कि श्रीनिवासन बैठक की अध्यक्षता करेंगे क्योंकि उन्होंने अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है. इससे बैठक की अध्यक्षता को लेकर बनी भ्रम की स्थिति भी समाप्त हो गई.
पटेल ने कहा, ‘वह (श्रीनिवासन) बीसीसीआई प्रमुख हैं और उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है. कार्यकारिणी की अध्यक्षता कौन करेगा इसको लेकर कोई भ्रम नहीं है. अभी तक किसी ने भी श्रीनिवासन से इस्तीफा देने लिए नहीं कहा है.’
श्रीनिवासन ने दिल्ली पहुंचने पर मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से उन्हें जाने देने के लिए कहा. श्रीनिवासन ने कहा, ‘क्या आप मुझे मेरी कार के अंदर जाने देंगे. मुझे वहां जाने का अधिकार है. मुझे कार में जाने दीजिए. अभी इस कैमरे से मुझे लगी. आप इस तरह से कैमरे से मुझे नहीं मार सकते. यह सही नहीं है.’
चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक और श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के मालिक राज कुंद्रा को स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों से बरी करने वाली बीसीसीआई की पैनल की जांच को मुंबई उच्च न्यायालय ने अवैध और असंवैधानिक बताया था. बिहार क्रिकेट संघ की जनहित याचिका पर दो सदस्यीय खंडपीठ ने बोर्ड की जांच को अवैध और असंवैधानिक करार दिया.
बोर्ड के एक सूत्र के अनुसार कार्यसमिति इस पर फैसला लेगी कि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सीधे अपील करनी है या पुलिस की जांच पूरी होने का इंतजार करना है. यह मामले की दोबारा जांच के लिए नई पैनल के गठन का भी फैसला कर सकती है. वहीं ऐसी खबरें भी हैं कि बोर्ड के कुछ अधिकारी श्रीनिवासन के बैठक में भाग लेने से खुश नहीं हैं.
उनका मानना है कि बंबई हाई कोर्ट के फैसले के मद्देनजर यह बेहतर होगा कि फिलहाल श्रीनिवासन अध्यक्ष पद पर लौटने की अपनी योजना को कुछ समय के लिए स्थगित कर दें. इस बीच बीसीसीआई उपाध्यक्ष निरंजन शाह आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में नए सिरे से जांच की अपील करने वाले बोर्ड के पहले सीनियर अधिकारी बन गए हैं.
उन्होंने कहा कि बोर्ड की छवि बिगड़ रही है और ऐसे कदम उठाने जरूरी हो गए हैं. शाह ने कहा, ‘हाल के दिनों में बोर्ड की छवि खराब हुई है. हमें बोर्ड की छवि सुधारने के लिए वास्तव में कुछ करना चाहिए क्योंकि क्रिकेट बेहद महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘अभी बंबई हाई कोर्ट के फैसले को देखते हुए बोर्ड को सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसा कुछ नहीं हो. बीसीसीआई को कड़े कदम उठाने चाहिए. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी शून्य सहिष्णुता की नीति रही है.’
स्पॉट फिक्सिंग मामले के सामने आने के कारण बीसीसीआई कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले अजय शिर्के ने कहा कि बोर्ड के पास कई कानूनी विशेषज्ञ हैं और उन्हें सही फैसले करने चाहिए. शिर्के ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि बोर्ड के कानूनी विशेषज्ञ हाई कोर्ट के आदेश से अच्छी तरह अवगत होंगे और वे उचित फैसला करेंगे. मैं कार्यकारिणी का सदस्य नहीं हूं इसलिए मेरे लिए यह कहना सही नहीं होगा कि उन्हें क्या फैसला करना चाहिए.’
इस बीच बिहार क्रिकेट संघ के सचिव और बंबई हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले आदित्य वर्मा ने कहा कि अगर श्रीनिवासन बैठक की अध्यक्षता करते हैं तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा, ‘अगर श्रीनिवासन अध्यक्षता करते हैं तो मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा. मैं चुप नहीं बैठूंगा.’