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श्रीनिवासन की BCCI चीफ पद पर वापसी तय, कुंद्रा और मयप्पन को भी क्लीन चिट

एन श्रीनिवासन का फिर से बीसीसीआई अध्यक्ष का कामकाज संभालना तय लग रहा है, क्योंकि दो सदस्यीय जांच समिति को भारतीय क्रिकेट को झकझोरने वाले आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.

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एन श्रीनिवासन
एन श्रीनिवासन

एन श्रीनिवासन का फिर से बीसीसीआई अध्यक्ष का कामकाज संभालना तय लग रहा है, क्योंकि दो सदस्यीय जांच समिति को भारतीय क्रिकेट को झकझोरने वाले आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.

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पूर्व न्यायधीश टी जयराम चौटा और आर बालासुब्रहमण्यम के दो सदस्यीय पैनल ने बीसीसीआई कार्यकारिणी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी जिसकी रविवार को बैठक हुई. इससे तमिलनाडु के श्रीनिवासन की वापसी तय हो गई है. इस पैनल का गठन श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन, राजस्थान रॉयल्स और उसके सह मालिक राज कुंद्रा की भूमिका की जांच करने के लिए किया गया था.

बीसीसीआई उपाध्यक्ष निरंजन शाह ने कहा, ‘जजों को राज कुंद्रा, इंडिया सीमेंट और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ किसी तरह की गड़बड़ी करने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. यह रिपोर्ट अब आईपीएल संचालन परिषद के पास भेजी जाएगी और वह दो अगस्त को नई दिल्ली में होने वाली अपनी बैठक में अंतिम फैसला करेगी.’

बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा कि बोर्ड के संचालन नियमों के अनुसार जांच रिपोर्ट आईपीएल संचालन परिषद के पास भेजी जाएगी. डालमिया ने कहा, ‘आईपीएल संचालन परिषद की इस मसले पर फैसला करने के लिए दो अगस्त को नई दिल्ली में बैठक होगी.’

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श्रीनिवासन दो अगस्त को ही अध्यक्ष पद का कामकाज संभाल सकते हैं. उस दिन बीसीसीआई कार्यकारिणी की बैठक भी होगी. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन की इस मामले में भूमिका को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया. पता चला है कि जांच आयोग ने उसे क्लीन चिट नहीं दी है.

शाह से जब पूछा गया कि क्या मयप्पन को क्लीन चिट दे दी गई है, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. सूत्रों के अनुसार जांच रिपोर्ट में मयप्पन को स्पॉट फिक्सिंग में पाक साफ करार दिया गया है लेकिन वह सट्टेबाजी में लिप्त हो सकते हैं इसके कोई स्पष्ट सबूत नहीं हैं.

डालमिया ने कहा कि जांच आयोग की रिपोर्ट रविवार सुबह ही मिली है और यह अफवाह सही नहीं है कि वह बीसीसीआई को पहले मिल गई थी. उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई सचिव संजय पटेल को रिपोर्ट मिली और उसे दोपहर बाद कार्यकारिणी में रखा गया.’

डालमिया से पूछा गया कि दो अगस्त को होने वाली बैठक की अध्यक्षता कौन करेगा, उन्होंने कहा, ‘श्रीनिवासन इस पर फैसला करेंगे. उन्हें अपना फैसला करने दीजिए.’ उन्होंने कहा कि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख रवि सवानी की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई लेकिन एक खिलाड़ी अजित चंदीला पुलिस हिरासत में है इसलिए जांच पूरी नहीं हो पाई.

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डालमिया ने कहा, ‘हम कुछ समय इंतजार करेंगे और फिर उस हिसाब से आगे बढ़ेंगे. सवानी अभी अपने बेटे की शादी के कारण अवकाश पर हैं. उन्हें वापस आने दीजिए.’ राजीव शुक्ला ने आईपीएल संचालन परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और ऐसे में बैठक की अध्यक्षता कौन करेगा, इस सवाल पर डालमिया ने कहा, ‘मैंने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया है. मैंने शुक्ला का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है.’

डालमिया ने कहा कि बीसीसीआई दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के दौरों के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा, ‘यह प्रक्रिया में है. दो अन्य दौरे भी हैं. हम सही समय पर आपको सूचित कर देंगे.’

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के कथित हितों के टकराव के विवाद पर डालमिया ने कहा कि कुछ भी दबाकर नहीं रखा जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हमने काम करने का अपना तरीका बदल दिया है. खिलाड़ियों को खेल प्रबंधन कंपनियों में अपने हितों की घोषणा करनी होगी.’ आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामला तब सामने आया था जब भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स के उनके दो साथियों अजित चंदीला और अंकित चव्हाण और 11 सट्टेबाजों के आईपीएल में कथित स्पॉट फिक्सिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया. संकट तब और बढ़ गया जब 26 मई को चेन्नई टीम के टीम प्रिसिंपल और श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन को सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

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इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित किया गया था जिसमें दो जजों के अलावा बीसीसीआई के तत्कालीन सचिव संजय जगदाले शामिल थे. श्रीनिवासन ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया लेकिन दो जून को वह जांच लंबित होने तक अपने कार्यों का निर्वहन नहीं करने के लिए तैयार हो गये थे. उन्होंने यह कदम जगदाले और तत्कालीन कोषाध्यक्ष अजय शिर्के के त्यागपत्र के बाद उठाया था जिन्होंने श्रीनिवासन से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगा था.

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