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डोपिंग के आरोप में नाडा ने शीर्ष भारतीय एथलीट पर लगाया अस्थाई प्रतिबंध

एथलीट के प्रतिबंधित दवाओं के सेवन पर खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि डोपिंग को आपराधिक मामला बनाया जाएगा. उन्होने कहा कि इसके खिलाफ सख्त कानून बनाकर ये संदेश दिए जाएगा ताकि कोई भी खिलाड़ी डोपिंग करने से डरे.

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कमरे से मिली थी प्रतिबंधित दवा
कमरे से मिली थी प्रतिबंधित दवा

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राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने बुधवार को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के संदेह में देश के एक शीर्ष एथलीट पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है. इंचियोन में हुए एशियाई खेलों-2014 और ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों भारतीय दल का हिस्सा रहे एथलीट पर प्रतिबंधित दवा 'मेल्डोनियम' के सेवन का आरोप है. नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने पुष्टि करते हुए कहा है कि एथलीट के कमरे में छापे के दौरान प्रतिबंधित दवा मिली थी.

नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने बताया कि एथलीट पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने यह बताया नाडा ने भारतीय एथलेटिक्स संघ (एएफआई) को आदेश दिए हैं कि वह एथलीट को एनआईएस के तहत राष्ट्रीय शिविर से जाने का आदेश दे और वह अपनी बेगुनाही साबित किए बगैर वापसी नहीं कर सकता.

एथलीट के प्रतिबंधित दवाओं के सेवन पर खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि डोपिंग को आपराधिक मामला बनाया जाएगा. उन्होने कहा कि इसके खिलाफ सख्त कानून बनाकर ये संदेश दिए जाएगा ताकि कोई भी खिलाड़ी डोपिंग करने से डरे.

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आपको बता दें कि मेल्डोनियम के सेवन से ऑक्सिजन अवशोषित होता है और उससे शरीर की क्षमता बढ़ती है. विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने सितम्बर, 2015 में 'मेल्डोनियम' को पहली जनवरी, 2016 से प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शामिल किए जाने की घोषणा की थी.

पिछले दिनों रूस की स्टार टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा पर भी के इस्तेमाल के लिए प्रतिबंध लगाया गया था. इस मामले में शारापोवा पर प्राथमिक रूप से दो साल का प्रतिबंध लगा था, जिसकी अवधि बाद में घटाकर 15 माह कर दी गई थी.

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