रोबिन बिष्ट ने आकर्षक अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन दक्षिण क्षेत्र ने बेहतरीन फार्म में चल रहे नमन ओझा और महेश रावत को सस्ते में आउट करके मध्य क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट फाइनल का पहला दिन अपने नाम किया.
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे मध्य क्षेत्र ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक सात विकेट पर 237 रन बनाये हैं जिसमें बिष्ट ने 79 रन का योगदान दिया. राजस्थान के इस 26 वर्षीय बल्लेबाज की तरह सलामी बल्लेबाज फैज फजल (49) और अशोक मनेरिया (37) भी अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाये. कप्तान पीयूष चावला (30) का दिन के आखिरी क्षणों में आउट होना भी मध्य क्षेत्र को भारी पड़ा. स्टंप उखड़ने समय अरिंदम घोष 32 रन पर खेल रहे थे.
मध्य क्षेत्र को हालांकि सबसे बड़ा झटका नमन ओझा के केवल चार रन पर पवेलियन लौटने से लगा. इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने इससे पहले पिछली पांच पारियों में 687 रन बनाये थे जिसमें दो दोहरे शतक शामिल थे. उत्तर क्षेत्र के खिलाफ सेमीफाइनल में दूसरी पारी में विषम परिस्थितियों में शतक जड़ने वाले महेश रावत आज खाता भी नहीं खोल पाये. दक्षिण क्षेत्र ने आठ गेंदबाजों का उपयोग किया और कामचलाउ ऑफ स्पिनर बाबा अपराजित अब तक के उसके सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं. उन्होंने छह ओवर में 26 रन देकर दो विकेट लिये. हनुमा विहारी ने भी एक ओवर में एक विकेट हासिल किया. उनके अलावा कप्तान आर विनयकुमार, एच एस शरत, प्रज्ञान ओझा और श्रेयास गोपाल को भी एक एक विकेट मिला है.
मध्य क्षेत्र ने सुबह बेहद धीमी और सजग शुरुआत की. फैज फजल और जलज सक्सेना ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की दक्षिण क्षेत्र के तेज गेंदबाज सुबह की नमी का फायदा नहीं उठा पायें. मध्य क्षेत्र की सलामी जोड़ी ने केवल गेंद की चमक उतारने पर ध्यान दिया और इसी का परिणाम था कि पहले 15 ओवर में केवल 14 रन बने और जब 18वें ओवर में विनयकुमार की गेंद जलज के बल्ले का हल्का किनारा लेकर विकेटकीपर दिनेश कार्तिक के दस्तानों में समायी तो उनके नाम के आगे 43 गेंदों पर मात्र दो रन दर्ज थे. बिष्ट ने भी शुरू में सतर्कता बरती लेकिन जैसे ही उन्हें प्रज्ञान ओझा की ढीली गेंद मिली उसे उन्होंने छक्के के लिये भेज दिया. बिष्ट ने इसके बाद भी कुछ आकर्षक शॉट लगाये जिससे फजल का भी आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने भी रन बटोरे जिससे लंच तक मध्य क्षेत्र 34 ओवर में एक विकेट पर 34 रन तक पहुंच गया.
दक्षिण क्षेत्र के कप्तान विनयकुमार ने पहले सत्र में ही गेंदबाजी में लगातार बदलाव किये और सात गेंदबाज आजमाये. उन्होंने लंच के बाद कामचलाउ ऑफ स्पिनर अपराजित को एक छोर से लगाये रखा जिन्हें लंच से ठीक पहले गेंद सौंपी गयी थी. फजल उनके झांसे में आ गये. शॉर्ट पिच गेंद पर बैकफुट पर जाकर किया गया उनके कट को प्वॉइंट पर खड़े हनुमा विहारी ने कैच में बदल दिया. इस तरह से फजल एक रन से अर्धशतक से चूक गये. उन्होंने अपनी पारी में 127 गेंदें खेली और सात चौके लगाये. अब सभी की निगाह नमन ओझा पर थी जो पिछले कुछ मैचों से लगातार बड़े स्कोर बना रहे थे. उन्होंने अपराजित पर खूबसूरत कवर ड्राइव से चौका लगाया लेकिन अगली गेंद को भी ड्राइव करने के प्रयास में वह सही शॉट नहीं लगा पाये और विनयकुमार ने डाइव लगाकर कैच करके दक्षिण को कीमती विकेट दिला दिया. अपराजित के एक ओवर में दो विकेट निकलने से स्कोर तीन विकेट पर 94 रन हो गया.
बिष्ट और मनेरिया ने चौथे विकेट के लिये 68 रन जोड़कर मध्य क्षेत्र को कुछ राहत पहुंचाई. इन दोनों ने सतर्कता और आक्रामकता दोनों तरह का रवैया अपनाया और केवल ढीली गेंदों पर बड़े शॉट खेले. इस बीच बिष्ट ने 104 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. अभिमन्यु मिथुन जब राउंड द विकेट गेंदबाजी के लिये आये तो मनेरिया ने उनके एक ओवर में तीन खूबसूरत चौके जड़े. बिष्ट ने भी श्रेयास गोपाल की लगातार गेंदों को सीमा रेखा के पार भेजा. विनयकुमार ने ऐसे में हनुमा विहारी को गेंद सौंपने का जुआ खेला जो कामयाब रहा. मनेरिया उनकी गेंद पर फ्लिक करने के लिये आगे निकल गये लेकिन गेंद उनको छका गई और बाकी काम कार्तिक ने पूरा कर दिया.
गोपाल ने अगले ओवर में रावत को आउट करके मध्य क्षेत्र को फिर से बैकफुट पर भेज दिया. गोपाल ने इस बीच बिष्ट को भी एक दो अवसरों पर परेशान किया लेकिन उनकी मंझी हुई पारी का अंत प्रज्ञान ओझा ने किया. उनकी मिडिल स्टंप पर की गयी गेंद बिष्ट के बल्ले का किनारा लेकर मिडविकेट पर कैच में बदल गयी. राजस्थान के इस बल्लेबाज ने 153 गेंद खेली तथा 12 चौके और एक छक्का लगाया. ओझा ने घोष को आते ही पवेलियन भेज दिया होता लेकिन रोबिन उथप्पा ने उनका कैच छोड़ दिया. चावला ने फिर से बल्लेबाजी में अपने हाथ दिखाये, लेकिन अपना 100वां प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे मध्य क्षेत्र के कप्तान ने दिन के आखिर में अपना विकेट गंवा दिया. उन्होंने शरत की गेंद पर ड्राइव किया लेकिन उथप्पा ने इस बार गलती नहीं की और उसे कैच में बदल दिया. तब तीन ओवर का खेल बचा था लेकिन अंपायरों ने रोशनी कम होने के कारण उसी समय दिन का खेल समाप्त घोषित कर दिया.
(इनपुट भाषा से)