भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज 37 साल के नमन ओझा ने लगभग दो दशकों तक घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद खेल के सभी प्रारूपों से सोमवार को संन्यास की घोषणा की. रणजी ट्रॉफी में विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा शिकार (351) का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले मध्यप्रदेश के इस दिग्गज ने एक टेस्ट, एक वनडे और दो टी20 इंटरनेशनल में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है.
ओझा ने इंदौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा कि वह अब दुनियाभर के टी20 लीगों में खेलना चाहते हैं. संन्यास की घोषणा करते समय इस खिलाड़ी की आंखें नम हो गई थीं. उन्होंने कहा ‘मैं क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले रहा हूं. यह लंबा सफर था और राज्य एवं राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मेरा सपना पूरा हुआ.’
उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय टीम में मौका देने के लिए मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (MPCA) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का शुक्रिया अदा किया. ओझा ने कहा, ‘मैं अपने करियर के दौरान साथ देने के लिए एमपीसीए, बीसीसीआई और साथी खिलाड़ियों और कोचों के अलावा आपने परिवार और दोस्तों का शुक्रिया करना चाहूंगा.’
I'm grateful to all who supported me in achieving dream of playing for my country and State - my coaches, trainers, physios and selectors, my captains and teammates, my family and well wishers, and MPCA, BCCI and my IPL teams.
— Naman Ojha (@namanojha35) February 15, 2021
महज 17 साल की उम्र में 2000-01 सत्र से घरेलू क्रिकेट में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी के लिए करिश्माई महेंद्र सिंह धोनी के युग में राष्ट्रीय टीम के लिए अधिक मौके मिलना मुश्किल हो गया. घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में शानदार प्रदर्शन के बाद 2010 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे और जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल सीरीज के दौ मैचों में खेलने का मौका मिला.
उन्हें हालांकि एक वनडे और दो टी20 इंटरनेशनल के बाद टीम में मौका नहीं मिला. भारत-ए के साथ 2014 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बल्ले से शानदार प्रदर्शन करने के बाद 2015 में उन्हें भारतीय टेस्ट टीम के लिए चुना गया. श्रीलंका दौरे पर तीसरे टेस्ट में उन्हें पदार्पण का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने पहली पारी में 21 और दूसरी पारी में 35 रनों का योगदान दिया था.
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 146 मैचों में 41.67 की औसत से 9753 रन (रणजी में 7861 रन) बनाने के साथ विकेट के पीछे 54 स्टंपिंग सहित 471 शिकार करने वाले ओझा ने कहा कि उन्हें दूसरी टीमों से घरेलू क्रिकेट में खेलने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन परिवार को प्राथमिकता देने के कारण उन्होंने इस अस्वीकार कर दिया.
ओझा ने कहा, ‘मेरे पीठ में दर्द की समस्या है ऐसे में लंबे प्रारूप में मुझे समस्या हो रही थी. इसका एक और कारण यह भी है कि किसी टीम से जुड़ने के बाद मुझे कम से कम छह महीने तक उनके साथ रहना होगा. मैं परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं.’
उन्होंने पिछले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश के खिलाफ अपना आखिरी रणजी मैच खेला था. उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व किया है. वह खिताब जीतने वाली सनराइजर्स हैदराबाद के सदस्य थे.