हालैंड पर विश्व कप लीग मैच में पांच विकेट से जीत दर्ज करने के बावजूद कप्तान धोनी ने टीम के प्रदर्शन पर असंतोष जताते हुए आज कहा कि पावरप्ले ओवर और फील्डिंग जैसे कुछ पहलुओं में प्रदर्शन सुधारने की सख्त जरूरत है.
धोनी ने मैच के बाद कहा, हमने कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शन में सुधार किया है लेकिन अभी भी कुछ पहलू बाकी है. मसलन पावरप्ले ओवर और फील्डिंग लगातार चिंता का विषय बनी हुई है. बल्लेबाजी पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि निचले क्रम के बल्लेबाजों पर हर बार जिम्मा नहीं छोड़ा जाना चाहिये.’ भारत ने 190 रन के लक्ष्य के जवाब में एक समय 99 रन पर चार विकेट गंवा दिये थे जिसके बाद युवराज सिंह ने नाबाद अर्धशतक लगाते हुए टीम को जीत तक पहुंचाया.
तेज गेंदबाज आशीष नेहरा से दस ओवर नहीं कराने के फैसले के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि फिरोजशाह कोटला की पिच से तेज गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही थी.
उन्होंने कहा, हमारी रणनीति यह थी कि स्पिनरों से गेंदबाजी कराने के बाद पुरानी गेंद तेज गेंदबाजों को सौंपी जाये ताकि उन्हें रिवर्स स्विंग मिल सके. लेकिन इस पिच से तेज गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिली.’ लेग स्पिनर पीयूष चावला को उतारने के फैसले को सही ठहराते हुए भारतीय कप्तान ने कहा कि अधिक अनुभव के साथ वह बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.{mospagebreak}
उन्होंने कहा, उसने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है. अभ्यास मैच में उसने अच्छी गेंदबाजी की थी. आज भी दो विकेट लिये. वह जितनी ज्यादा गेंदबाजी करेगा, उतना प्रदर्शन बेहतर होगा.’
यह पूछने पर कि पहले बल्लेबाजी या लक्ष्य का पीछा करने में से किसे तरजीह देंगे, धोनी ने कहा कि टीम के लिये जीत सबसे अहम है फिर चाहे बल्लेबाजी पहले करें या बाद में. उन्होंने कहा, जीत सबसे महत्वपूर्ण है. पहले या बाद में बल्लेबाजी करना मायने नहीं रखता लेकिन दबाव का सामना करने का शउर आना चाहिये . कम स्कोर का पीछा करते हुए हमें दबाव में नहीं आना चाहिये.’ भारतीय बल्लेबाजी क्रम की सराहना करते हुए कप्तान ने कहा कि इसमें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह के बल्लेबाजों का अच्छा सम्मिश्रण है.
उन्होंने कहा, सहवाग और तेंदुलकर हमारी बल्लेबाजी की धुरी है. हम अच्छी शुरूआत पर बहुत हद तक निर्भर करते हैं. हमारा बल्लेबाजी क्रम आक्रामक और रक्षात्मक बल्लेबाजों का अच्छा मिश्रण है.’