वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल करना या वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना भारतीय खेल प्रेमियों और एथलीटों के लिए हमेशा से एक सपना ही रहा है. 18 साल के युवा भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने इस सपने को सच कर दिखाया है. अपने बेहतरीन खेल से नीरज ने वर्ल्ड एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल दिलाया. PM मोदी ने ट्विट कर नीरज को बधाई दी.
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज ने रचा इतिहास
हरियाणा में पानीपत के रहने वाले नीरज ने अंडर-20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवनिन थ्रो (भाला फेंक) वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. नीरज ने पोलैंड के बेडगोज में हुए मुकाबले में 86.48 मीटर तक भाला फेंका. इससे पहले ये वर्ल्ड रिकॉर्ड लात्विया के जिगिमुंड्स सीर्यमस के नाम था. जिन्होंने 84.69 मीटर भाला फेंका था. नीरज रियो ओलंपिक क्वालिफाई के दौरान फेल हो गए थे. अगर नीरज रियो में 86.48 मीटर तक भाला फेंक देते तो वो निश्चित ही गोल्ड मेडल जीत सकते थे.
वर्ल्ड एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज बने भारत के एथलीट
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियन में भारत को गोल्ड दिलाने वाले नीरज पहले एथलीट हैं. इससे पहले कोई भी भारतीय एथलीट इस कारनामे को नहीं कर सका है. पहले अटेम्पट में नीरज ने 79.66 मीटर थ्रो किया था. इसके अलावा आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान नीरज ने पहले 79.66 मीटर का थ्रो किया था. इसके उन्होंने 84.69 मीटर भाला फेंक कर वो कारनामा कर दिखाया जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी. चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर साउथ अफ्रीका के जोहन रहे जिन्होंने 80.59 का थ्रो किया. इसके अलावा जर्मनी के जर्मनी के एंडरसन पीटर्स ने 79.65 मीटर का थ्रो कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.
चार साल की प्रैक्टिस में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
भारत के इस स्टार एथलीट नीरज ने सिर्फ चार साल की प्रैक्टिस के दौरान ही इस मुकाम को हासिल किया. इससे पहले उन्होंने साउथ एशियान गेम्स गोल्ड मेडल जीता था. नीरज ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में भी रिकॉर्ड 81.04 मीटर थ्रो कर गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं।
थ्रो था स्पेशल
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद नीरज ने कहा- 'मैंने जैसे ही दूसरा थ्रो अपने हाथ से छोड़ा, मुझे महसूस हुआ कि यह स्पेशल थ्रो था'. मैंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि मैं 86 मीटर के आगे फेंक पाउंगा. मैंने अपनी फिटनेस और टेक्निक पर काफी मेहनत की थी. और मुझे इसका रिजल्ट भी मिला'
दोस्त ने दी खेलने की सलह
दोस्त की सलाह पर शुरू की जेवलिन
क्रिकेट के प्रति अपना जुनुन रखने वाले इस देश में नीरज ने अपने बचपन के दोस्त जयवीर के कहने पर इस खेल को खेलना शुरू किया था. जयवीर जेवलिन थ्रोअर थे और रोज प्रैक्टिस के लिए जाते थे. एक दिन उन्होंने नीरज से भी इसे शुरू करने का कहा और 2011 में पहली बार हाथ में जेवेलिन थामने वाले नीरज ने खुद नहीं सोचा था कि वे ऐसा कुछ कर जाएंगे. बहरहाल अब देश को नीरज से उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं.