भारत के हाथों दूसरे क्रिकेट टेस्ट में 8 विकेट से हार के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने कहा कि उनकी टीम को बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की जरूरत नहीं है, लेकिन शीर्ष क्रम को बेहतर प्रदर्शन करना होगा. ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न टेस्ट में 195 और 200 रन बनाए. उसका कोई बल्लेबाज अर्धशतक नहीं बना सका.
पेन ने मैच के बाद कहा कि उन्हें नहीं लगता कि बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘इसकी जरूरत नहीं है. हमें बेहतर बल्लेबाजी करनी होगी. इससे फर्क नहीं पड़ता कि क्रीज पर कौन है.’ उन्होंने कहा,‘ हमें रन बनाने होंगे. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में टॉप-7 का यही काम है.’
कामचलाऊ सलामी बल्लेबाज मैथ्यू वेड ने 30 और 40 रन बनाए, जबकि मार्नस लाबुशेन ने 48 और 28 रनों की पारियां खेलीं, लेकिन जो बर्न्स और ट्रेविस हेड कोई कमाल नहीं कर सके. टीम के नंबर एक बल्लेबाज स्टीव स्मिथ पूरी तरह से फ्लॉप रहे.
पेन ने स्वीकार किया कि खराब बल्लेबाजी और लचर फील्डिंग टीम की हार के कारण रहे. उन्होंने कहा, ‘कम स्कोर एक कारण था और हमने कैच भी टपकाए. फील्डिंग खराब थी.’ ऑस्ट्रेलिया ने अजिंक्य रहाणे को भी जीवनदान दिया, जिन्होंने शतक जमाया. दूसरी पारी में भी रहाणे को मिशेल स्टार्क ने जीवनदान दिया.
पेन ने इस बात से इनकार किया कि एडिलेड में मिली जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया ने तैयारी में कोताही बरती. उन्होंने कहा, ‘हमने तैयारी में कोई बदलाव नहीं किया. एक जीत या हार के बाद ऐसा कोई बदलाव नहीं होता. कई बार अंतरराष्ट्रीय खेल में अंतर इतना कम होता है कि नतीजे अलग- अलग आ जाते हैं. जैसा यहां पहले और दूसरे टेस्ट में हुआ.’
पेन ने कहा, ‘भारतीयों ने काफी अनुशासित गेंदबाजी की. हम बड़ी साझेदारियां नहीं बना सके.’ यह पूछने पर कि क्या स्मिथ को आर अश्विन के खिलाफ आक्रामक होना चाहिए था, उन्होंने कहा, ‘मैं किसी बल्लेबाज की शैली पर टिप्पणी नहीं कर सकता. हर किसी की अपनी शैली होती है.’
अंपायरों के फैसले की समीक्षा (डीआरएस) को लेकर नाराजगी जता चुके पेन ने कहा, ‘मैंने अंपायरों से बात की, लेकिन उसका कोई फल नहीं निकला. कल बात तकनीक की नहीं थी. लेकिन पहली पारी में पुजारा के विकेट को लेकर एक परिपाटी कायम करने की थी. अंपायरों ने रिप्ले ध्यान से देखा नहीं, गेंद और बल्ले के बीच अंतर था.’