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अब घर की बालकनी में बैठकर देखिए कार रेस

वो दिन दूर नहीं जब आपके घर के सामने की सड़क पर रेसिंग ड्राइवर्स फर्राटा भरते दिखाई देंगे और आप अपनी बालकनी में चाय की चुस्कियों के साथ रोमांच का मजा भी उठा सकेंगे. सुरक्षा इंतजामात पूरे हुए तो हो सकता है देश की पहली स्ट्रीट रेस श्रीनगर में खूबसूरत डल लेक के आसपास सितंबर के महीने में ही देखने को मिल जाए. यानी मोटरस्पोर्ट्स के दीवाने शिकारा में बैठकर आसपास की सड़कों पर दौड़ रही रेसिंग कारों का मजा लूट सकेंगे.

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वो दिन दूर नहीं जब आपके घर के सामने की सड़क पर रेसिंग ड्राइवर्स फर्राटा भरते दिखाई देंगे और आप अपनी बालकनी में चाय की चुस्कियों के साथ रोमांच का मजा भी उठा सकेंगे. सुरक्षा इंतजामात पूरे हुए तो हो सकता है देश की पहली स्ट्रीट रेस श्रीनगर में खूबसूरत डल लेक के आसपास सितंबर के महीने में ही देखने को मिल जाए. यानी मोटरस्पोर्ट्स के दीवाने शिकारा में बैठकर आसपास की सड़कों पर दौड़ रही रेसिंग कारों का मजा लूट सकेंगे.

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अगर श्रीनगर नहीं तो गोवा और पुणे जैसे शहर भी इसकी मेजबानी के लिए तैयार हो सकते हैं. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिंगापुर में तो एफ-1 रेस ही आम सड़कों पर आयोजित की जाती हैं. लेकिन, भारत में अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ है. अब जूनियर स्तर की रेस के बहाने इसकी पहल की है जे के मोटरस्पोर्ट्स ने. इसके लिए राज्य सरकार से बात शुरू हो चुकी है और गेंद अब सुरक्षा एजेंसियों के पाले में है.

मोटरस्पोर्ट्स की दुनिया को नारायण कार्तिकेयन और करुण चंडोक जैसे एफ-1 ड्राइवर दे चुकी इस कंपनी ने साल 2013 के रेसिंग कैलेंडर का एलान किया तो उसमें कई चौंकाने वाले फैसले थे. मसलन, दो साल पहले लॉन्च की गई एशिया सीरीज की जगह भारत में बीएमडब्ल्यू इंडिया के नाम से ऐसी सीरीज शुरू करना जिसमें भारतीय ड्राइवर्स ही शिरकत करेंगे. कंपनी के मोटरस्पोर्ट्स हेड संजय शर्मा के मुताबिक, दो साल में हमने एशिया और यूरोप में रेस का आयोजन किया लेकिन वहां दो-तीन भारतीय ड्राइवर्स को ही मौका मिल पाता था. वैसे भी विदेश में रेस के आयोजन और विदेशी ड्राइवर्स के एक्सपोजर पर करोड़ों रुपये लुटाने से तो अच्छा है कि अपने ही देश में इंटरनेशनल स्तर की तकनीक के साथ रेस आयोजित की जाए ताकि भारतीय ड्राइवर्स ज्यादा से ज्यादा सीख सकें.

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इसके लिए जानी मानी रेसिंग कार कंपनी यूरोइंटरनेशनल से करार किया गया है जो 1.2 लीटर बीएमडब्ल्यू इंजन वाली कारों को ड्राइवर्स के लिए तैयार करेगी. इस सीरीज में करीब 20 वर्ष आयु वर्ग के वो ड्राइवर हिस्सा लेंगे जो कार्टिंग और फिर नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं. कोएंबटूर में 19 जुलाई से शुरू होने वाली ये सीरीज चेन्नई और ग्रेटर नोएडा के एफ-1 ट्रैक पर भी होगी. इसी का तीसरा राउंड स्ट्रीट रेस के तौर पर आयोजित कराने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

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