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ओसीए ने भारत को कुछ खेलों से हटने पर जुर्माने के लिये चेताया

एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) ने भारत को भारी जुर्माने की चेतावनी दी है, अगर उसने आगामी एशियाई खेलों में कुछ स्पर्धाओं में अपनी टीम नहीं भेजने का फैसला किया तो उसे यह कदम उठाना पड़ेगा. इससे आईओए ने खेलों को खत्म करने के लिये सरकारी अधिकारियों की आलोचना की.

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एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) ने भारत को भारी जुर्माने की चेतावनी दी है, अगर उसने आगामी एशियाई खेलों में कुछ स्पर्धाओं में अपनी टीम नहीं भेजने का फैसला किया तो उसे यह कदम उठाना पड़ेगा. इससे आईओए ने खेलों को खत्म करने के लिये सरकारी अधिकारियों की आलोचना की.

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भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को 29 अगस्त को ओसीए से एक ईमेल मिला, जिसमें आईओए को चेतावनी दी गयी कि अगर उसने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 19 सितंबर से चार अक्टूबर तक होने वाले एशियाई खेलों की कुछ खेल स्पर्धाओं, जिसमें फुटबॉल और टेबल टेनिस शामिल है, से हटने का फैसला किया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.

ओसीए के पत्र के अनुसार, ‘हमें खबर मिली कि भारतीय खेल प्राधिकरण 17वें एशियाई खेलों से भारत एनओसी को फुटबॉल, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, टेबल टेनिस और सेपकटकरा से हटने के लिये बाध्य कर सकता है.’ ओसीए के अंतरराष्ट्रीय निदेशक और एनओसी संबंधित अधिकारी विनोद कुमार तिवारी ने आईओए के शीर्ष अधिकारियों को भेजे ईमेल में कहा, ‘टीम का ड्रॉ पहले ही पूरा हो चुका है. संविधान के अनुसार अगर आईओए अब हटता है तो उस पर निश्चित रूप से जुर्माना लगाया जायेगा और पूरे ड्रॉ को दोबारा बनाना होगा.’

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इस घटनाक्रम को देश के लिये शर्मनाक करार करते हुए आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में कुछ अधिकारी देश में खेलों को खत्म कर रहे हैं. मेहता ने कहा, ‘मैं पूरे खेल मंत्रालय को दोषी नहीं ठहरा रहा और न ही मैं खेल मंत्री को दोषी बता रहा हूं. मंत्रालय और साई में दो तीन अधिकारी आईओए और राष्ट्रीय महासंघों के काम करने के तरीके में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मंत्रालय ओर साई ने एशियाई खेलों के लिये टीमें और एथलीट भेजने के लिये मापदंड बनाये हैं. यह इस तरह राष्ट्रीय खेला महासंघों की चयन समिति और आईओए के काम करने के तरीके में हस्तक्षेप का मामला है. ऐसी भी रिपोर्टें आ रही थीं कि एनएसएफ अगर चाहता भी है तो मंत्रालय उन्हें अपने खर्चे पर टीमें भेजने की अनुमति भी नहीं देगा.’

मेहता ने कहा, ‘यह ओलंपिक चार्टर के अंतर्गत एनएसएफ और आईओए की स्वायत्ता का उल्लघंन और हस्तक्षेप का मामला है. आईओए अभी 14 महीने के निलंबन से बाहर निकला है और उन्हें (सरकारी अधिकारियों) को जानना चाहिए कि अगर यह सरकारी हस्तक्षेप होता है तो भारत फिर से मुश्किल में आ सकता है.’

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