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10 साल पहले आज ही भारत बना था विश्व विजेता, धोनी के छक्के से वर्ल्ड कप पर किया कब्जा

भारत ने आज के ही दिन (2 अप्रैल) 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था. इस खिताबी जीत के 10 साल पूरे हो गए. 1983 में भारत ने पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था.

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When Team India ended their 28-year World Cup drought.
When Team India ended their 28-year World Cup drought.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत ने पहली बार 1983 में जीता था वर्ल्ड कप
  • 28 साल बाद धोनी की कप्तानी में किया कमाल

भारत ने आज के ही दिन (2 अप्रैल) 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था. इस खिताबी जीत के 10 साल पूरे हो गए. 1983 में भारत ने पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था. यानी 28 साल बाद टीम इंडिया ने एक बार फिर इतिहास रच डाला. इसके साथ ही भारतीय टीम वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बाद तीसरी ऐसी टीम बनी, जो दो या इससे अधिक बार खिताब पर कब्जा करने में सफल रही. 

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टीम इंडिया ने तोड़े ये मिथक

-2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया. जहां भारत ने श्रीलंका को हरा कर कई मिथक तोड़े. वह पहली ऐसी मेजबान टीम बनी, जिसने वर्ल्ड कप जीता. इससे पहले किसी टीम ने अपनी धरती पर वर्ल्ड कप हासिल नहीं किया था. 

-टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करते हुए चैम्पियन बनने वाली तीसरी टीम बनी. इससे पहले वर्ल्ड कप के इतिहास में दो बार ही ऐसा हो चुका था. लेकिन लगातार दूसरी बार फाइनल खेल रहे श्रीलंका को भारत ने 10 गेंदें शेष रहते 6 विकेट से शिकस्त दी.

-इससे पहले तक फाइनल में शतक बनाने वाले की टीम जीतती रही थी. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ, जब शतक काम नहीं आया. महेला जयवर्धने के नाबाद 103 रनों के बाद भी श्रीलंका को जीत नसीब नहीं हुई. 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को शुरुआती झटके लगे थे. 2 विकेट महज 31 रनों पर गिर गए थे. 

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2011 ICC World Cup (Getty)

धोनी की करिश्माई बल्लेबाजी

एक समय टीम इंडिया 114 रनों पर 3 विकेट खो चुकी थी. ओपनर गौतम गंभीर क्रीज पर थे और उनका साथ देने के लिए युवराज सिंह को आना था, लेकिन सबको हैरत में डालते हुए कप्तान धोनी पांचवें नंबर पर युवराज से पहले क्रीज पर आ गए. उन्होंने धमाकेदार पारी खेल कर भारत को जीत दिलाई, वे मैन ऑफ द मैच रहे. 

छक्के के साथ चैम्पियन बनाया

धोनी ने गंभीर के साथ 109 रनों की शानदार पार्टनरशिप की. गौतम गंभीर ने 97 रनों की ठोस पारी खेली. धोनी ने 79 गेंदों में 91 रन (8 चौके, दो छक्के) तो बनाए ही, साथ ही 'बेस्ट फिनिशर' की परिभाषा पर खरे उतरते हुए विजयी सिक्सर मारकर सबके दिलों को जीत लिया. युवी 24 गेंदों पर 21 रन बनाकर नाबाद रहे. 

ये भी पढ़ें - गंभीर की दो टूक- हमने 2011 में वर्ल्ड कप जीतकर कोई अहसान नहीं किया 

भारतीय क्रिकेट टीम 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप विजेता बनी... और प्रशंसक जश्न में डूब गए. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का विश्व विजेता बनने का सपना पूरा हो चुका था. टीम ने इस दिग्गज को कंधे पर बिठाया और पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया. 
 

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