न्यूजीलैंड के पूर्व आलराउंडर क्रिस केर्न्स को लगता है कि अंपायर समीक्षा प्रणाली को ‘बैसाखी’ बनने से रोकने के लिये प्रत्येक पारी में सिर्फ एक ही बार इसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘डीआरएस ऐसी चीज है जिससे खेल को मदद मिलती है लेकिन मुझे लगता है कि इसे खेल में बैसाखी की तरह इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है. मैं प्रत्येक पारी में सिर्फ एक ही समीक्षा चाहूंगा क्योंकि यह बहुत खराब फैसले को रोकने के लिये है.’ डीआरएस इसकी शुरुआत से ही विवादों में रहा है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया आयी है. भारत इसका कड़ा विरोधी रहा है.
मौजूदा समय में टीमों को पारी में दो नाकाम अपील की अनुमति दी जाती है.
न्यूजीलैंड की खराब फार्म के बारे में बात करते हुए केर्न्स ने कहा कि टीम ने खेल के प्रत्येक प्रारूप में निराश किया है लेकिन उम्मीद जतायी कि अगले तीन साल में टीम रैंकिंग में ऊपर जायेगी.
उन्होंने कहा, ‘हम खेल के प्रत्येक प्रारूप में आठवें स्थान पर हैं. मुझे नहीं लगता कि इससे प्रतिभा की झलक मिलती है. न्यूजीलैंड इससे कहीं ज्यादा प्रतिभाशाली टीम है. उनका प्रदर्शन खराब रहा है, लेकिन अगले दो तीन वर्षों में टीम और अधिक अच्छा प्रदर्शन करेगी.’
केर्न्स ने ‘एजुकेशन न्यूजीलैंड फेयर’ में कहा, ‘अगर आपके पास मजबूत खिलाड़ी हैं तो काफी युवा खिलाड़ी भी आते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि न्यूजीलैंड एक साथ ही अपने ज्यादातर खिलाड़ी गंवा रहा है. अगर आपकी टीम में अनुभव नहीं हो तो आपको दोबारा वापसी करने में लंबा समय लगता है.’ यह पूछने पर कि आस्ट्रेलिया का गिरता स्तर क्या विश्व क्रिकेट के लिये अच्छा है तो केर्न्स ने कहा कि सभी टीमें इस तरह के बदलाव के दौर से गुजरती हैं. उन्होंने कहा, ‘उन्हें दोबारा शुरुआत करनी होगी.’