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राष्ट्रमंडल खेलों का संरक्षण ‘दुष्ट’ ही कर सकते हैं: अय्यर

पूर्व खेल मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने राष्ट्रमंडल खेलों का अपना विरोध जारी रखते हुए मंगलवार को कहा कि अगर यह आयोजन सफल हुआ तो उन्हें खुशी नहीं होगी.

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पूर्व खेल मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने राष्ट्रमंडल खेलों का अपना विरोध जारी रखते हुए मंगलवार को कहा कि अगर यह आयोजन सफल हुआ तो उन्हें खुशी नहीं होगी.

कांग्रेस नीत केन्द्र और दिल्ली सरकार की एक बार फिर किरकिरी करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इन खेलों का संरक्षण केवल ‘दुष्ट’ ही कर सकते हैं. अय्यर ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यह देख कर खुश हूं कि बारिश राष्ट्रमंडल खेलों में मुश्किलें पैदा कर रही है. अगर यह खेल सफल हुआ तो मैं नाखुश होउंगा, क्योंकि कामयाब होने पर वे एशियाई, ओलंपिक और अन्य सभी खेलों के आयोजन की तैयारी करने लगेंगे.’

राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन पर बेतहाशा खर्च की कटु आलोचना करते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘जो लोग खेलों का संरक्षण कर रहे हैं केवल दुष्ट हो सकते हैं, देवता नहीं.’ उनकी इस टिप्पणी को हालांकि सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने कहा, ‘मैं उन्हें (अय्यर को) गंभीरता से नहीं लेता.’

भाजपा प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने खेलों की तैयारियों में देरी पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार को समझना चाहिए कि राष्ट्रमंडल खेलों से देश का गौरव जुडा है. लेकिन साथ ही कहा कि कोई गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं दिया जाना चाहिए. सपा प्रवक्ता मोहन सिंह ने कहा, ‘जो खेलों का विरोध कर रहे हैं, पर पीड़ा सुख पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.’

अय्यर ने कहा कि खेलों पर 35 हजार करोड़ रूपये की भारी भरकम राशि खर्च करने की बजाय यह धन उन बच्चों पर खर्च किया जाना चाहिए था, जिन्हें खेल की सुविधाएं नसीब नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के ‘सर्कसों’ पर भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है जबकि आम बच्चों को खेलने के साधन तक नहीं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को भविष्य में एशियाई खेलों या ऐसे ही अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों के आयोजन की बोली लगाने से पहले दो बार सोच लेना चाहिए.

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