युवराज सिंह को आईपीएल-7 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी में सबसे ज्यादा पैसे खर्च करके खरीदा गया. युवी 14 करोड़ में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) के हो गए. युवी को किंगफिशर के कर्मचारियों ने एक खुला खत लिखा और उनसे मांग की है कि वो विजय माल्या की टीम के लिए नहीं खेलें.
प्रिय युवराज,
हम सभी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारी आपके फैन हैं. हम ही नहीं पूरे देश ने दुआ की थी कि आप अपनी बीमारी से जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. हम खुश हैं कि आप न कि केवल अपना फॉर्म बरकरार रखते हुए खेल रहे हैं बल्कि करियर में भी आगे बढ़ रहे हैं.
मिस्टर माल्या ने आपको 14 करोड़ रुपये में खरीदा है... हमें किंगफिशर एयरलाइंस ने पिछले 18 महीनों से सैलरी नहीं दी है. हमारी सारी सेविंग खत्म हो चुकी है और हम कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं. रिश्तेदारों और बैंक्स से अपनी प्रॉपर्टी और गोल्ड के एवज में हमने लोन लिए हैं. लोअर स्टाफ की हालत और खराब है जिन्हें स्लम इलाकों में रहना पड़ रहा है.
मिस्टर माल्या ने हमें कहा है कि हमें सैलरी देने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं, जबकि आईपीएल, फॉर्मूला वन और कैलेंडर्स में वो करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं.
अब ये आपके ऊपर है कि आप अपने कान बंद करके ऐसे निर्दयी इंसान के लिए काम करें और अपने जीवन में नकारात्मकता बुलाएं या नैतिक आधार पर उनके लिए काम करने से मना कर दें.
कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें इस बात से सबसे ज्यादा दुख है कि विजय माल्या ने इतने दिनों तक उनसे झूठ बोला. हमारे पास आखिरी रास्ता युवराज सिंह से गुजारिश करने का ही बचा था. किंगफिशर की पूर्व कर्मचारी पूजा ने कहा कि युवी जैसे बड़े क्रिकेटर ने भी ये सारे फैक्ट्स अनदेखे कर दिए. उसने कहा कि मैं नहीं मान सकती कि युवी को ये सारी बातें नहीं पता होंगी, लेकिन उन्होंने पैसों को तरजीह दी. एक फैन के तौर पर मुझे ऐसे लग रहा है कि धोखा दिया गया है.
अंजन कुमार देवेश्वर ने कहा कि युवी को अपनी सोशल रिसपॉन्सबिलिटी को समझना चाहिए और इस ऑफर को स्वीकार नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब युवी कैंसर से जूझ रहे थे तो पूरे देश ने उनके लिए दुआ की थी और अब ऐसा लग रहा है कि वो ये सब भूल गए हैं.