प्रिय माही,
माफ करना..., तुमसे बहुत अच्छी जान-पहचान या दोस्ती नहीं है, तब भी हिमाकत करके और तुमसे अपनी और करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की चाहत और प्यार की खातिर ‘माही’ कहकर संबोधित कर रहा हूं. उम्मीद है कि बुरा नहीं मानोगे.
भाई, इस बात से किसी को गुरेज नहीं कि तुमने क्रिकेट के अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का नाम जितना रोशन किया, उतना हाल के दिनों में किसी ने नहीं. T-20 वर्ल्ड कप से लेकर एकदिवसीय मैचों में भारत को विश्व चैंपियन बनवाया. यहां तक कि टेस्ट खेलने वाली टीमों के बीच भी तुम ही ने भारत को नंबर वन पायदान तक पहुंचाया. ये तमाम ऐसे कीर्तिमान हैं, जो नवाब पटौदी, विश्वनाथ, सुनील गावस्कर, कपिल देव, अजहरुद्दीन और सौरव गांगुली जैसे तमाम सुपरस्टार कप्तान न कर सके थे. और इन्हीं सब वजहों से तुम और तुम्हारे मिडास टच के मुरीद देश-दुनिया के तमाम लोग बन गए.
जिस भारत का तिरंगा तुमने ईडन गार्डन से लेकर एमसीसी और लार्ड्स तक में लहराया है, वही तिंरगा आज रो रहा है. वो तुम्हारी भारत मां से बेरुखी की वजह जान नहीं पा रहा है. वो समझ नहीं पा रहा है कि तुम्हारे जैसा साफगोई से बात करने वाला इंसान अचानक खामोश क्यों है.
क्या तुम्हारे लिए भी पैसा ताकतवर हो गया...क्या ये पैसा इतना ताकतवर है कि तुम आज भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की बजाए एक करोड़पति की वजह से चुप्पी साध गए हो. ये ऐसा वक्त है, जब पूरा देश तुम्हारे इसी करोड़पति मालिक के नाम पर थू-थू कर रहा है और तुम हो कि अपने साथी सुरेश रैना की तरह व्यवहार कर रहे हो (रैना कल कोलकाता एयरपोर्ट से बाहर आते वक्त अपने कानों पर हेडफोन पहने थे, ताकि किसी भी तरह का शोर ना सुनने का नाटक कर सकें).
क्या दो या चार लोगों के तुम्हारे परिवार के लिए ये हरे-हरे करोड़ों नोट इतने ज़रूरी हैं कि तुम अपने इन करोड़ों चाहने वालों को बताया तक नहीं कि आखिर क्यों तुमको देश की माटी से ज्यादा करोड़पति मालिक का सीमेंट पसंद है. समझ में नहीं आया कि जिस माटी पर नंगे पांव धूप में दौड़-दौड़कर तुमने बल्ला चलाना सीखा होगा, वो माटी माही के लिए सीमेंट के सामने भरभराकर गिर रही है.
माही, तुम खूब खेलो आईपीएल और जीतो भी. हम तो बस इतना चाहते हैं कि तुम एक बार हमको समझा तो दो कि आखिर क्यों तुम्हारे लिए ज़रूरी है इस सबसे विवादित मैच को खेलना.
माही मैं समझ सकता हूं कि आज जब तुम तमाम चैनलों और अखबारों में अपने मालिक के दामाद के साथ बडे़ फख्र के साथ खिंचवाई गई तस्वीरों को देखते होगे, तो तुम्हारे कलेजे पर भी सांप लोट जाते होंगे. मैं ये भी मानने को तैयार हूं कि शायद फिक्सिंग और बैटिंग के चंगुल से तुम बचे रह गए हो, लेकिन तुम्हारी चुप्पी से जो करोड़ों लोगों का भरोसा चरमरा रहा है, वो सिर्फ तुम ही वापस दिला सकते हो.
माही, अब नहीं बोलोगे, तो कब बोलोगे. बता दो कि चेन्नई सुपरकिंग्स की प्रतिष्ठा कैसे भारत की प्रतिष्ठा से बडी है? ये तुमको ही समझाना पडेगा कि INDIA CEMENT, जिसमें तुम वाइस प्रेसिडेंस हो, वो कैसे INDIA की कप्तानी से भारी है. अगर आईपीएल के फाइनल मैच के पहले हम नाचीजों को अपनी राय बता दोगे, तो कल तुम्हारे और तुम्हारी टीम (गौर करो मैं तुम्हारी टीम बोल रहा हूं, न कि श्रीनिवासन की टीम...हमारे लिए तो CSK के मालिक तुम ही हो) को दिल से चीयर कर देंगे. नहीं तो देखने तक का मन भी नहीं करेगा.
माही दोस्त, अब भारतीय क्रिकेट की लोकप्रियता तुम्हारे साथ जुड़ गई है, हो सके तो इसको बचा लो. कम से कम जिस खेल ने तुमको फर्श से अर्श तक पहुंचाया, उस क्रिकेट के लिए तो तुम इतना तो कर ही सकते हो. ऐसे तो दगाबाज़ तुम नहीं हो...तुम तो उन लीडरों में से हो, जो आगे बढकर जिम्मेदारी उठाते रहे हो. य़ाद है न वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल की वो पारी.
माही मेरे भाई, अगर जबान खोलने में किसी भी तरह की हिचक है, कोई डर है, संकोच है, तो प्लीज ट्वीट करके ये ही स्वीकार कर लो. और बस आईपीएल फाइनल के पहले केवल इतना करो कि अपने मान, क्रिकेट के सम्मान और देश की शान के खातिर इतनी हिम्मत दिखाओ कि कह दो कि तुम CHENNAI SUPER KINGS के लिए तब तक नहीं खेलोगे, जब तक तुम्हारे मालिक जांच में साफ-सुथरे बाहर नहीं आ जाते.
आखिर में एक कड़वी सच्चाई...सम्मान से जीवन जीने के लिए दो वक्त की रोटी ही चाहिए और तुम तो इतना कमा चुके हो कि तुम्हारी कई पुश्तें आसानी से घर बैठकर खा सकती हैं.
मानो तो तुम्हारा हितैषी, प्रेमी या दोस्त...ना मानो तो दुश्मन.
-- सुमित अवस्थी।।।।