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EXCLUSIVE: ऑपरेशन धोनी- 'गलत के नाम पर तो धोनी अपने बाप को भी मार सकता है'

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी पर फिक्सिंग के आरोपों के छींटे पड़ चुके हैं. लेकिन क्या धोनी इस फिक्सिंग के मकड़जाल में हिस्सेदार हैं? धोनी का दाहिना हाथ कहे जाने वाले अरुण पांडे ने आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में इस राज से पर्दा उठा दिया है. तो आइये हम आपको बताते हैं कि धोनी ईमानदार हैं या बेईमान? धोनी और गुरुनाथ मयप्पन के बीच साठगांठ है या नहीं?

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टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी पर फिक्सिंग के आरोपों के छींटे पड़ चुके हैं. लेकिन क्या धोनी इस फिक्सिंग के मकड़जाल में हिस्सेदार हैं? धोनी का दाहिना हाथ कहे जाने वाले अरुण पांडे ने आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में इस राज से पर्दा उठा दिया है. तो आइये हम आपको बताते हैं कि धोनी ईमानदार हैं या बेईमान? धोनी और गुरुनाथ मयप्पन के बीच साठगांठ है या नहीं?

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बाजार के इशारे पर नाचते क्रिकेट का नाम है आईपीएल. यहां रंग है, मस्ती है, तीन घंटे का रंगीन क्रिकेट है, लेकिन रंगीन क्रिकेट का काला साया फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग की शक्ल में क्रिकेट से चिपक गया है. इसमें सवाल उठ रहे हैं आईपीएल के कर्ताधर्ताओं पर, सवाल उठ रहे हैं बीसीसीआई के माई-बाप रहे श्रीनिवासन की नीयत पर, सवाल उठ रहे हैं चेन्नई सुपर किंग्स को चलाने वाली कंपनी इंडिया सीमेंट पर, सवाल उठ रहे हैं श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन पर और सबसे बढ़कर क्रिकेट के फफोले तब जल उठते हैं, जब सवालों के घेरे में आ जाते हैं धोनी. जी हां, हिंदुस्तान के क्रिकेट के सबसे कामयाब कप्तानों में शुमार धोनी.

दुनिया भर के क्रिकेट में उस वक्त तूफान मचा जब हिंदुस्तान के इंडियन प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन खिलाड़ियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया. इतना ही नहीं इस सनसनीखेज जांच के एक छोर पर क्रिकेट के बिग बॉस श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन थे तो दूसरे छोर पर अंडरवरल्ड का बॉस दाऊद इब्राहिम.

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अंडरवर्ल्ड और क्रिकेट बोर्ड के इस घालमेल में फिर कई और नाम उछले, जिसमें राजसथान रॉयल्स के मालिक और बॉलीवुड क्वीन शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंदरा भी शामिल थे. मुंबई पुलिस ने जब दारा सिंह के बेटे विंदू दारा सिंह को हथकड़ी पहनाई तो कुछ और नाम भी पुलिस की तफ्तीश में उछलकर सामने आ गए.

क्रिकेट का कीचड़ हिंदुस्तान के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर भी उछला. ये नाम सिर्फ अखबारों की सुर्खियों और चैनलों की हेडलाइंस तक ही सीमित नहीं था बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा. देश के बड़े वकील हरीश साल्वे ने भी धोनी पर बदनामी के बाण दाग दिए.

धोनी का नाम फिक्सिंग में आने के बाद ये चंद सवाल भी सबके जहन में आने लगे...
भारतीय क्रिकेट टीम के धोनी ईमानदार हैं या बेईमान?
क्या धोनी के श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन से कोई साठगांठ है?
क्या विंदू दारा सिंह भी धोनी के करीब पहुंच गया था?
श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट से धोनी के क्या रिश्ते हैं?
क्या कुछ क्रिकेटरों के स्पॉन्सरशिप के पीछे धोनी का कोई खेल है?
क्या धोनी ने मुद्गल कमेटी के सामने सच नहीं बोला?

22 गज की पट्टी पर ऐसे ही सुलगते सवालों को लेकर आजतक ने धोनी की दुनिया की पड़ताल शुरू की और हमारी जांच के निशाने पर था धोनी का दाहिना हाथ या यूं कहें कि धोनी के हर कारोबार का हमराज. जी हां, धोनी का इवेंट मैंनेजर अरुण पांडे. वो अरुण पांडे, जो खुद रणजी क्रिकेटर है और बाजार में धोनी का साझीदार. अरुण पांडे वहीं हैं जिसने धोनी के कहने पर 2007 में भारत में स्पोर्ट्स इवेंट की सबसे बड़ी कंपनी बनाई. ये वही अरुण पांडे हैं जिनके पास सीएसके की मार्केटिंग राइट्स भी हैं और जिन्हें आप हर मुकाबले में धोनी की पत्नी साक्षी की बगल वाली सीट पर बैठे हुए देख सकते हैं.

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दिल्ली के ह्वाइट हाउस में आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में अरुण पांडे ने आईपीएल के तमाम पहलुओं को उजागर किया. विंदू से मयप्पन तक और फिक्सिंग से लेकर पैसे के खेल तक.

6 अप्रैल 2013 को चेन्नई में हुए सीएसके और मुंबई इंडियंस का मैच
याद कीजिए आईपीएल का वो धमाकेदार मैच, सीएसके बनाम मुंबई इंडियंस के बीच. एक तरफ धोनी तो दूसरी तरफ मुंबई की सेना और इन सबके पीछे मयप्पन, विंदू दारा सिंह और बुकीज का मायाजाल. ये वही मैच था, जो विंदू और मयप्पन को सलाखों के पीछे ले गया. जी हां, जिस मुकाबले ने क्रिकेट की दुनिया में भूचाल ला दिया था. इस मैच को देखने के लिए वीआईपी बॉक्स में सीएसके की वर्दी में अरुण पांडे ठीक साक्षी के बगल में बैठे थे. लेकिन कुछ ही देर में अरुण पांडे की कुर्सी पर विराजमान हो गए थे विंदू दारा सिंह. सट्टेबाजी में जेल गया विंदू कैसे पहुंच गया वीआईपी बॉक्स में और बाद में ठीक साक्षी की बगल वाली सीट पर. सुनिये खुलासा चश्मदीद अरुण पांडे से-

अरुण पांडे- मैं और साक्षी बैठे हैं. साथ में वो ***** आया बगल में बैठ गया आके. मुझे गुस्सा आया, क्योंकि वो लकी सीट थी मेरी. बहुत गुस्सा आया था मुझे. मैं गया अंदर चाय पीने. चाय-कॉफी पीने गया था. मैं आया देख रहा हूं. ***** मेरी सीट पर बैठा है. इधर बैठा था. पहले मैं और साक्षी साथ बैठे थें, एक सीट खाली थी. होता क्या है कि आधे में हम बैठते हैं. और आधे में विपक्षी टीम बैठती है. हम लोग बिल्कुल एकदम ब्लॉक रखते हैं. किसी को नहीं बैठने देते. वो बेचारा चार सीट पीछे बैठा था. अब हम लोग भईया बिग बॉ़स, दारा सिंह का लड़का... मैं बोला. वो अलग ही है न. दारा सिहं की इज्जत है. बाप की इज्जत है, बाप की इज्जत होती है. इसने धो दिया है, सबकुछ... मैंने साक्षी को बोला साक्षी, साक्षी क्या यार... इसको हटाओ यहां से. हमें शर्म आ रही है....कैसे हटाए इसको.
अरुण पांडे की मानें तो साक्षी को विंदू जानता था और अरुण पांडे का विंदू से परिचय भी साक्षी ने ही कराया.
आज तक- आपकी (अरुण पांडे) हाय-हैलो नहीं हुई?
अरुण पांडे- नहीं, साक्षी ने बताया था. अरुण पांडे हैं.
आज तक– साक्षी को पहले कैसे जानता था?
अरुण पांडे– साक्षी को कौन नहीं जानता है. अरे साक्षी को मिला आके ग्राउंड पर. साक्षी को कौन नहीं जानता है. कोई मैच देखने आएगा. नहीं मिलेगा साक्षी से एमएस धोनी की वाइफ है. बॉस भारत का कप्तान है... सबसे बड़ा. इंडिया नहीं, वर्ल्ड का कप्तान है मजाक है वो. मजाक तो इन लोगों ने बना रखा है न. हर आदमी समझ रहा है चाहे सरकार बैठी हो चाहे पुलिस.

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साक्षी से विंदू की मुलाकात के बारे में तो आपको पता चल गया. अब विंदू के साथ जेल गए श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन की कहानी भी सुन लीजिए. हमनें अरुण पांडे से पूछा कि आखिर मयप्पन चेन्नई सुपरकिंग्स के असली किंग कैसे बन गए.
आज तक- अरुण भाई आपकी मुलाकात हुई मयप्पन से?
अरुण पांडे– गुरु से, क्यों नहीं होगी.
आज तक– खूब?
अरुण पांडे– खूब नहीं. दामाद है... दामाद.
आज तक– आप उसे किस तरह से जानते थे, किस तरीके से मैं ये समझना चाह रहा हूं?
अरुण पांडे– मैं उसको रूपा का पति समझता था. क्योंकि इंडिया सीमेंट में भी था न ये. दामाद है वो...
आज तक– ये बात सही है कि ऑफिशियल एंट्री होती थी उसकी?
अरुण पांडे– देखिए ऑफिसियल एंट्री तो हम नहीं बता सकते... होती थी, नहीं होती थी. लेकिन साला वो बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे. कौन रोके भाई दामाद है.

धोनी के करीबी अरुण पांडे से फिर हमने सवाल किया कि किस तरह कुछ खिलाड़ी स्पॉट फिक्सिंग में जेल चले गए और क्या फिक्सिंग और बेटिंग के इस खेल में चेन्नई सुपर किंग्स के असली किंग का भी हाथ है. तो पांडे ने क्रिकेट के इस सबसे बड़े रहस्य से परदा उठाने में देर नहीं की.
आज तक– एक बात बताओ... अरुण भाई अगर सब कुछ पाक-साफ चल रहा है देश के अंदर तो पैसा किसने बनाया?
अरुण पांडे– बकवास…. खोदा पहाड़, निकली चुहिया होने वाला है. जो किए हैं फिक्सिंग वो तो पार्लियामेंट में बैठे हैं. जो कमाए हैं उनका कुछ उखाड़ नहीं पाएंगे आप लोग.

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पांडे ने बड़े संगीन आरोप लगा दिए लेकिन फिक्सिंग के चक्कर में जेल गए खिलाड़ियों के बारे में पूछा गया तो पांडे उन्हें मामूली बताकर रह गए.

अरुण पांडे– चूजे हैं चूजे. 40 लाख, 60 लाख रुपये कमाए होंगे. कितना कमाए होंगे.
आज तक– तो खिलाड़ी कौन हैं बाजार के?
अरुण पांडे– बाजार के खिलाड़ी होंगे तो बहुत तेज होंगे. उनके पास तो पहुंच ही नहीं सकता कोई. जब हम लोगों को खबर नहीं लग रही है.

अरुण पांडे ने खुलासा किया कि सट्टेबाजी के इस खेल में सिर्फ खिलाड़ियों के नाम ही उछाले जा रहे हैं. उनका कहना था कि दरअसल श्रीनिवासन और ललित मोदी की लड़ाई में धोनी भी पिस रहे हैं.
आज तक– अरुण भाई एक बात बताईए, अगर बात ऐसी है तो फिर चीजें ये कैसे आ रही हैं?
अरुण पांडे– ये तो घसीटा गया है उसको (धोनी). दिख तो रहा है... घसीटा गया है. गुरुनाथ मयप्पन, श्रीनिवासन. सब लड़ाई कुर्सी की है और आईपीएल की है. ललित मोदी की है. भई उन लोगों की लड़ाई है. हम लोग बेचारा वो (धोनी) पिस रहा है. लेकिन अरुण पांडे धोनी के बारे में क्या राय रखते हैं, इसका भी खुलासा जल्द होगा.
हिंदुस्तान के क्रिकेटरों को सबसे बड़ा कारोबार देने वाले अरुण पांडे स्टिंग ऑपरेशन में खुलते जा रहे थे. घूम-फिरकर एक बार फिर हमने बात सट्टेबाजी में जेल जा चुके विंदू दारा सिंह की तरफ मोड़ दी. हम जानना चाहते थे कि साक्षी और विंदू की मुलाकात कितनी पुरानी है. इसलिए हमने फिर से विंदू का राग छेड़ दिया.

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आज तक– विंदू दारा सिंह और साक्षी की पहली मुलाकात थी?
अरुण पांडे– हां, उसके नाम पर मिले भी नहीं हम लोग. उसने बोला कि भाभी अरे मुंबई आया करो. आप लोग शूट-वूट करने आते रहते हो. कभी खाना-वाना खाते हैं साथ में. तो नंबर दे दो. ******* ****** मेरा नंबर नहीं मांग रहा था, साक्षी का नंबर मांग रहा है. साक्षी का नंबर मांग रहा है. ****** साक्षी बोली मेरी बैटरी डाउन है फोन की बैटरी. अच्छा हुआ नंबर नहीं दिया उसने. मतलब बात-वात तो छोड़ो नंबर ही नहीं था उसके पास.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जस्टिस मुदगल कमेटी की रिपोर्ट में इस बात का हवाला दिया गया है कि श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन और धोनी के बीच रिश्ते थे, लेकिन धोनी के खासमखास कहे जाने वाले अरुण पांडे का कहना है कि मयप्पम दामाद की हैसियत से चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में किंग तो था लेकिन माही से वो डरता था.

अरुण पांडे– माही से बहुत डरता है...scared of Mahi….
आज तक– क्यों?
अरुण पांडे– मतलब ऐसा नहीं है कि चला आया रूम में, टाइम नहीं लेगा वो नहीं. नहीं मिल सकता है माही से. पूछ के हां. I want to meet you… ऐसा नहीं है कि कभी भी चला आया.

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अब जस्टिस मुदगल कमेटी की सीलबंद रिपोर्ट में क्या है, ये तो बाद में पता चलेगा लेकिन धोनी के दोस्त अरुण पांडे तो टीम इंडिया के कप्तान की ईमानदारी की मिसाल देने में हैलीकॉप्टर शॉट खेल गए.

आज तक– देखो कुछ तो इसको (मुदगल कमेटी को) भी पता होगा. कुछ तो इसने भी देखा होगा. ऐसा तो नहीं है एकदम गलत या गलत बना देगा.
अरुण पांडे– देखिए एक चीज बता देता हूं, अगर आप धोनी को दोष दे रहे हो न. या प्रोवोक करा रहे हो न. एक परसेंट. मैं जानता हूं उस आदमी को तो दुनिया नहीं भगवान से विश्वास उठ जाएगा. वो ऐसा इंसान है वो बाप का मर्डर कर दें. बाप को मार दे वो, कोई गलत हो जाए तो. उसकी नजर में एक लाख रुपया और एक रुपया सब घूस है ये ऐसा इंसान है वो.

आईपीएल की सट्टेबाजी पर मुंबई और दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट तो आ चुकी है, लेकिन पूरे मामले में नजर थर्ड अंपायर पर है यानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर.

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