भारतीय क्रिकेट टीम डरबन पहुंच चुकी है और अगले वनडे की तैयारियों में जुटी है. वहीं, कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी अपने गेंजबाजों से बेहद खफा हैं. जिस तरह भारतीय गेंदबाजों ने पिछले मैच में रन लुटाए और मेजबान को 358 का विशाल स्कोर खड़ा करने का मौका दिया, उसके बाद बल्लेबाजों के पास विकल्प कम ही बचे थे. दक्षिण अफ्रीका के तगड़ी गेंदबाजी के खिलाफ इतने बड़े स्कोर का पीछा करना करीब-करीब नामुमकिन ही था. लेकिन अभी बहुत ज्यादा कुछ बिगड़ा नहीं है.
डरबन में भारत को हिसाब चुकाने का बड़ा मौका मिलेगा. सच तो ये भी है भारतीय खिलाड़ियों को दक्षिण अफ्रीका के कंडीशन्स में ढलने के लिए वक्त बहुत कम मिला. दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स ने भी कहा है कि एक हार से इंडिया के सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. उनका कहना है कि भारतीय टीम अगले दो मैचों में बाउंस बैक कर सकती है. डरबन की पिच भारत को सूट करेगी क्योंकि वहां गेंद स्पिन करती है, इसलिए उन्होंने अपनी टीम को आगाह कर दिया है कि वह भारत को ज्यादा हल्के में न ले.
एबी डिविलियर्स ने यह भी कहा कि भारतीय गेंदबाजी मजबूत है. पहले मैच में उन्होंने बहुत शॉर्ट पिच गेंदें फेंकी जिसका हमने फायदा उठाया. इससे हमें बहुत बढ़ावा मिला और हमारा आत्मविश्वास बढ़ा. वैंडरर्स में 10 ओवरों तक विकेट न गंवाने का हमें फायदा हुआ और हमने इसका भरपूर फायदा उठाया. वहीं, भारतीय टीम की समस्या यह रही कि उसे प्रैक्टिस के लिए जरा भी वक्त नहीं मिला और वह यहां पहुंचते ही सीधे मैच खेलने उतर गई. इसका उसे नुकसान उठाना पड़ा.
यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि धोनी कोई मामूली कप्तान नहीं हैं और वह वक्त के साथ बदलना जानते हैं. अब इस मैच के लिए भी उन्होंने कोई न कोई रणनीति बना ली होगी. वैसे उनके लिए जरूरी है कि तेज गेंदबाजों मोहित शर्मा और भुवनेश्वर कुमार के बारे में सोचें. शायद वह मोहित की जगह उमेश यादव को लाना चाहेंगे. उमेश के पास गति भी है और वह समझदार भी हैं.
मिडल ऑर्डर में भी धोनी बदलाव कर सकते हैं. जिस तरह युवराज की पारी महज 2 गेंदों में खत्म हो गई उसके बाद अब रहाणे के खेलने की संभावना बढ़ गई है. युवराज का करियर अब खत्म हो गया लगता है, लेकिन कप्तान को उन पर बहुत विश्वास है.
भारत के लिए एक अच्छी बात यह है कि डरबन में गेंद वैंडरर्स की तरह एकदम से नहीं उछलेगी. ऐसे में शुरू के 10 ओवर निकालने के बाद भारतीय बल्लेबाज आसानी से बाकी ओवरों को खेल सकते हैं. टॉप थ्री को तो चलना ही होगा. विराट, कोहली और रोहित को अपनी क्षमता दिखानी ही होगी.
एक और बात है जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया. भारत की फील्डिंग बेहद खराब रही. कैच तो छोड़े ही गए, रन आउट के कुछ मौके भी मिस हुए. लेकिन अब मेहमान के पास ना तो ज्यादा मौके हैं और ना ही गलती की कोई गुंजाइश. अगले मैच में अगर पलटवार ना किया तो वनडे सीरीज तो भूल ही जाइए टेस्ट सीरीज में भी मेजबान वापसी का कोई मौका नहीं देगा.