एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार घरेलू सरजमीं पर हार झेलने वाले भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हार के लिये अपने बल्लेबाजों को दोषी ठहराया और उनके प्रदर्शन को निराशाजनक करार दिया.
भारतीय टीम दूसरे वनडे में पाकिस्तान से 85 रन से हार गयी. इससे पाकिस्तान ने तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली. धोनी ने कहा, ‘गेंदबाजों ने बहुत अच्छा प्रयास किया और उन्हें 250 रन पर रोक दिया. इकाई के रूप में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया. भारत में यदि आप पहले गेंदबाजी करके अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को 250 रन पर रोक देते हो तो यह अच्छा प्रयास होता है.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन फिर से हमारी बल्लेबाजी निराशाजनक रही. आखिर में विकेट आपके हाथ में होना महत्वपूर्ण था. यदि विकेट हाथ में होते तो आखिरी दस ओवर में 80 रन बन सकते थे.’ धोनी ने कहा, ‘स्ट्राइक रोटेट करना और विकेट नहीं गंवाना महत्वपूर्ण है. हमने शुरू में ही पांच छह विकेट गंवा दिये और हम वास्तव में मैच में नहीं थे. वहां से ऐसे लगने लगा कि 250 का स्कोर मानो बहुत बड़ा है.’
भारतीय टीम 251 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 165 रन पर आउट हो गयी. उन्होंने कहा, ‘सभी जानते हैं कि यह निराशाजनक है. जब आप बदलाव के दौर से गुजरते हो तो तब आप चाहते हो कि आपके सीनियर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करके युवा खिलाड़ियों को सिखाने में मदद करें.’
धोनी ने कहा कि बल्लेबाजी में किसी को जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘दो तीन विकेट गिरने पर कोई ऐसा होना चाहिए जो दबाव झेले और पारी को संवारने का काम करे.’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘यदि वे अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो युवाओं पर दबाव बढ़ेगा. बल्लेबाजी इकाई के रूप में अच्छा प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण है. जिम्मेदारी लेना और जिम्मेदारी में हिस्सा बंटाना महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘हार के बाद खिलाड़ी दुखी थे. आपको शांतचित बने रहकर सोचना होगा कि आगे क्या करने की जरूरत है.’