scorecardresearch
 

चोटिल होने पर भी कश्यप मेरी मदद करने स्टेडियम आते थे: साइना नेहवाल

हाल ही में साइना नेहवाल और पी. कश्यप परिणय सूत्र में बंधे हैं. साइना अपनी शादी के बाद पहली बार प्रीमियर बैडमिंटन लीग में खेलती नजर आ रही हैं.

Advertisement
X
P Kashyap and Saina Nehwal (Twitter)
P Kashyap and Saina Nehwal (Twitter)

Advertisement

इसी साल जकार्ता में खेले गए एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा है कि उस दौरान पी. कश्यप ने उनकी काफी मदद की थी. साइना ने कहा कि कश्यप चोटिल थे, लेकिन फिर भी वह अभ्यास के दौरान कोर्ट पर आते थे और उनकी मदद भी करते थे. साइना ने माना कि कश्यप कई बार उन पर चिल्लाते भी थे. हाल ही में साइना और कश्यप परिणय सूत्र में बंधे हैं. साइना अपनी शादी के बाद पहली बार प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में खेलती नजर आ रही हैं.

साइना ने एक इंटरव्यू में एशियाई खेलों के दौरान कोच पुलेला गोपीचंद और अपने पति कश्यप के योगदान के बारे में बाताया. साइना ने कहा, 'मेरा मानना है कि गोपी सर काफी शांत हैं. वह चिल्लाते हैं, लेकिन यह हर दिन नहीं होता है. हम जब अच्छा करते हैं तो वह खुश होते हैं. एशियाई खेलों के दौरान कश्यप चोटिल थे, लेकिन वह मुझे हारते हुए नहीं देख सकते थे. उन्हें लगा था कि लय बदल सकती है और मैच के परिणाम भी. मैंने उन्हें चोटिल होने के बाद भी स्टेडियम में आते देखा.'

Advertisement

साइना ने कहा, 'उन्हें पीठ में चोट लगी थी और छह सप्ताह तक आराम करना था. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें इस तरह से देखूं इससे अच्छा है कि मैं यहां आकर तुम्हारी मदद करूं. मैंने कहा कि एक पुरुष खिलाड़ी मेरी मदद करे, तो यह अच्छा है. वह दो सप्ताह बहुत अलग थे. मैंने कभी किसी को अपने ऊपर इस तरह से चिल्लाते नहीं देखा.'

साइना ने जीत के लिए गोपीचंद का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'जाहिर सी बात है कि गोपी सर ने काफी मदद की. वह हर सत्र के बाद मुझसे बात कर रहे थे. पूरी टीम के संयुक्त प्रयास से हम एशियाई खेलों में पदक जीत सके. मेरे लिए यह बड़ी बात थी, क्योंकि मेरे पास एशियाई खेलों का कोई पदक नहीं था.'

साइना को एशियाई खेलों में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था. साइना ने ताइवान की ताइ जू यिंग को अपना सबसे कड़ा प्रतिद्वंद्वी बताया. उनके मुताबिक यिंग को हराना बेहद मुश्किल है. लंदन ओलंपिक-2012 की कांस्य पदक विजेता साइना ने कहा, 'मेरा मानना है कि आंकड़े काफी कुछ बता देते हैं और इसमें यिंग आगे हैं. वह बेहद चतुर खिलाड़ी हैं. वह बैडमिंटन की रोजर फेडरर हैं. ढाई-तीन साल तक शीर्ष पर रहना आसान नहीं है. वह अपने खेल में पूरी हैं. ऐसा नहीं है कि उन्हें हराया नहीं जा सकता. हम इस पर काम कर रहे हैं, लेकिन यह आसान नहीं है.'

Advertisement

साइना ने बताया कि वह साल 2000 में पहली बार 10 साल की उम्र में कश्यप से मिली थीं और 2010 के दौरान उन्हें पहली बार लगा था कि कश्यप वह शख्स हैं, जिन्हें वह अपना जीवनसाथी बना सकती हैं. उन्होंने कहा, 'मैं कश्यप से पहली बार 2000 में मिली थी. हम हैदराबाद में शिविर में थे. हम अभ्यास कर रहे थे और ज्यादा बात नहीं करना चाहते थे,क्योंकि मेरा अलग ग्रुप था और उनका अलग.'

Advertisement
Advertisement