लिएंडर पेस और महेश भूपति की दिग्गज भारतीय जोड़ी ने हमवतन रोहन बोपन्ना और सोमदेव देववर्मन की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 7-6 से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों की टेनिस प्रतियोगिता के पुरुष युगल का कांस्य पदक जीता.
पेस और भूपति को शुरू से स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था लेकिन कल सेमीफाइनल में पाल हेनली और पीटर लुजाक की जोड़ी से आसानी से पराजित होने के कारण ‘इंडियन एक्सप्रेस’ जब कांस्य पदक के लिये कोर्ट में उतरी तो उसमें जज्बे की कमी नहीं दिखी.
कभी दुनिया में नंबर एक रही इस जोड़ी ने डेविस कप के अपने कम अनुभवहीन साथियों पर शुरू में दबदबा बनाये रखा. उन्होंने पहले सेट के चौथे गेम में सोमदेव की सर्विस तोड़कर आधे घंटे से कुछ अधिक समय में यह सेट अपने नाम किया.
दूसरे सेट में बोपन्ना और सोमदेव ने अपने सीनियर्स का डटकर सामना किया और एक एक अंक के लिये उनसे मशक्कत करवायी. एक समय बोपन्ना और सोमदेव के पास पर 6-5 की बढ़त पर दो सेट प्वाइंट थे लेकिन इन्हें हासिल करने में नाकाम रहे.{mospagebreak}
पेस ने ऐसे मौके पर जब अंक हासिल किया तो उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में मुट्ठियां भींचकर दिखाया कि वह इस मैच के लिये कितने अधिक गंभीर हैं. टाईब्रेकर में पेस और भूपति का अनुभव काम आया और इस दौरान दर्शकों ने भारतीय टेनिस के इन दोनों महारथियों का एक दूसरे से छाती भिड़ाने का चिर परिचित अंदाज भी देखा.
पेस ने बाद में कहा, ‘पिछले 14 साल में हमने कल पहली बार कोई बुरा मैच खेला था. बोपन्ना और सोमदेव भी अच्छे खिलाड़ी हैं और उनसे कड़े मुकाबले की उम्मीद थी.’