पाकिस्तान ने बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर बांग्लादेश को 3 विकेट से हराकर एशिया कप के फाइनल में जगह बना ली है. श्रीलंका पहले ही अपने सभी मैच जीतकर फाइनल में पहुंच चुका है. बांग्लादेश को हरा पाकिस्तान ने एशिया कप का खिताब बचाने की ओर एक कदम और बढ़ा लिया है. पाकिस्तान की इस जीत के साथ भारत एशिया कप की दौड़ से पूरी तरह बाहर हो गया.
टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश ने पाकिस्तान की लचर गेंदबाजी और खराब फील्डिंग का पूरा फायदा उठाते हुए निर्धारित 50 ओवर में तीन विकेट पर 326 रन से वनडे में अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर खड़ा किया. लेकिन पाकिस्तान ने सलामी बल्लेबाज अहमद शहजाद (12 चौके और एक छक्के से 103 रन) के शतक और फवद आलम (74), शाहिद अफरीदी (59) व मोहम्मद हफीज (52) के अर्धशतकों की मदद से एक गेंद रहते 7 विकेट पर 329 रन बनाकर पांच देशों के टूर्नामेंट के फाइनल में जगह सुनिश्चित की. पाकिस्तानी टीम ने गेंदबाजों और फील्डरों के खराब प्रदर्शन की भरपाई करते हुए शानदार बल्लेबाजी के दम पर वनडे में अपने सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा भी किया.
पाकिस्तान ने इस जीत से चार अंक हासिल किए, जिससे चार मैचो में 3 जीत से उसके कुल 13 अंक हो गए. इससे भारत की रही-सही उम्मीद भी खत्म हो गई. अफरीदी ने भारत के खिलाफ मैच की तरह फिर टीम की नैया पार कराई, उन्होंने रन आउट होने से पहले 25 गेंद में दो चौके और सात छक्के की मदद से 59 रन की आक्रामक पारी खेली.
आलम (70 गेंद में चार चौके और दो छक्के) ने भी ‘मैन ऑफ द मैच’ अफरीदी का पूरा साथ निभाया. इन दोनों ने छठे विकेट के लिये 69 रन की साझेदारी निभाई. शहजाद और आलम ने चौथे विकेट के लिये 105 रन की भागीदारी की और इस जीत की नींव रखी. बांग्लादेश के लिए मोमिनुल हक ने 37 रन देकर दो जबकि शकिबुल हसन, अब्दुर रज्जाक और महमूदुल्लाह ने एक-एक विकेट हासिल किया.
इससे पहले बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज अनामुल हक ने 132 गेंद में छह चौके और चार छक्के से 100 रन की संयमपूर्ण पारी खेलकर विशाल स्कोर की नींव रखी. सीनियर खिलाड़ी मुशफिकर रहीम (33 गेंद में आठ चौके से नाबाद 51 रन) और शकिबुल हसन (16 गेंद में नाबाद 44 रन) ने केवल 5.3 ओवर में नाबाद 77 रन की भागीदारी निभाकर टीम को इस स्कोर तक पहुंचाया. सलामी बल्लेबाज इमरूल कायेस (75 गेंद में पांच चौके और दो छक्के से 59 रन) ने अनामुल के साथ पहले विकेट के लिए 150 रन की साझेदारी की. मोमिनुल हक (47 गेंद में छह चौके से 51 रन) ने भी बांग्लादेश के स्कोर में उपयोगी योगदान किया. तीन मैच के निलंबन से वापसी कर रहे ऑल राउंडर शकिबुल ने पारी में छह चौके और दो छक्के जड़े थे जिससे बांग्लादेश ने अंतिम पांच ओवर में 68 रन जुटाए.
इस तरह टीम जिम्बाब्वे के खिलाफ 2009 में आठ विकेट पर 320 रन के सर्वश्रेष्ठ स्कोर को पीछे छोड़ने में सफल रही. बांग्लादेशी पारी के दौरान कोई भी चीज पाकिस्तान के हक में नहीं रही. पहले ओवर में कायेस का कैच छूटा जब वह शून्य पर थे, इसके बाद कुछ निराशाजनक क्षेत्ररक्षण हुआ. मिस्बाह उल हक इस सबसे काफी हताश दिख रहे थे. पाकिस्तान के लिए सबसे खराब चीज तब हुई जब बायें हाथ के स्पिनर अब्दुर रहमान को ‘बीमर्स’ की हैट्रिक करने के बाद गेंदबाजी करने से रोक दिया गया.
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जुनैद खान की जगह टीम में शामिल किए गए रहमान का स्कोरबोर्ड में गेंदबाजी स्कोर 0- 0- 8-0 रहा था. एक और चीज कईयों को परेशान कर रही थी कि टीम ने अपने शीर्ष स्पिनर सईद अजमल को पहले शानदार स्पैल के बाद गेंदबाजी से हटा लिया, जिसमें उन्होंने तीन ओवर में चार रन दिए थे. अजमल ने फिर अपने अंतिम चार ओवर में 52 रन दिए. हैरानी की बात है कि जब पहले विकेट की शतकीय साझेदारी तोड़ने की जरूरत थी तो पाकिस्तान कप्तान मिस्बाह उल हक ने इस शीर्ष ऑफ स्पिनर को आक्रमण से बाहर ही रखा. कायेस और हक की जोड़ी ने 18 ओवर में 101 रन बना लिए थे. इन दोनों ने 28.2 ओवर में 150 रन की भागीदारी की, जो बांग्लादेश की पहले विकेट के लिए दूसरी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है. शहरयार हुसैन और मेहराब हुसैन ने 1999 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 170 रन की भागीदारी की थी.
मोहम्मद तलहा ने कायेस का विकेट झटककर इस साझेदारी को तोड़ा. अजमल को 36वें ओवर में अपने कोटे की गेंदबाजी पूरी करने के लिए बुलाया गया, उन्होंने अपनी दूसरा गेंद से हक का विकेट झटका जो दूसरा वनडे शतक जड़ चुके थे. वह डीप मिडविकेट पर कैच दे बैठे.