2010 राष्ट्रमंडल खेल भारत में 3 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच होने वाले हैं. यह दूसरा मौका है जब इन खेलों को एशिया महाद्वीप में कराया जा रहा था. हम आपकों बताएंगे कुछ ऐसे खिलाड़ी जिन पर टिकीं हैं सभी की उम्मीदें.
भारत के वह खिलाड़ी जिन पर होगी सभी की नजर...
लिएंडर पेस
पेस भारत के व्यावसायिक टेनिस खिलाड़ी हैं जो आजकल युगल एवं मिश्रित युगल मुकाबलों में भाग लेते हैं। वह भारत के सफलतम खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने 6 युगल एवं इतने ही मिश्रित युगल स्पर्धायें जीती हैं। उनको भारत का खेल जगत में सबसे ऊँचा पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार 1996-1997 में दिया गया और साथ ही 2001 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। युगल मैचों के अलावा उन्होंने डेविस कप टेनिस स्पर्धा में भारत के लिये कई यादगार जीतें हासिल की और 1996 अटलांटा ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। उन्होंने हाल ही में जिम्बाब्वे की अपनी साथी खिलाड़ी कारा ब्लेक के साथ मिकलर विंबलडन का मिश्रित खिताब अपने नाम किया है.
महेश भूपति
महेश भूपति विश्व के सर्वश्रेष्ठ युगल सफलतम खिलाड़ियों में शुमार है. उन्होंने कुछ समय पेस के साथ मिलकर टेनिस में भारत का प्रतिनिधत्व किया लेकिन दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन होने के कारण अब यह दोनों खिलाड़ी अगल अलग जोड़ीदारों के साथ खेलते हैं. हालांकि राष्ट्रमंडल खेलों में यह जोड़ी एक बार फिर साथ देखेगी और खिताबी जीत दर्ज करना चाहेगी. भूपति के नाम 11 ग्रैडस्लेम खिताब दर्ज है. वर्ष 2001 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
सानिया मिर्जा
सानिया मिर्जा ने अपने कैरियर की शुरुआत 2003 2004 में की थी. भारत सरकार ने उन्हें उनके शानदार खेल के लिए अजुर्न अवार्ड से सम्मानित किया है. वह भारत की तरफ से सबसे सफल महिला टेनिस खिलाड़ी है. फिलहाल वह डब्ल्यूटीए रैंकिंग में 111वें स्थान पर है लेकिन वह 27वां पायदान भी हासिल कर चुकी है. सानिया वर्ष 2009 में काफी चर्चा में रही क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के क्रिकेटर शोएब मलिक के साथ निकाह किया. सानिया राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन करके अपनी रैंकिंग और छवि दोनों में सुधार करना चाहेगी.
विजेंदर कुमार
विजेंदर कुमार सिंह ने 75 किलोग्राम वर्ग में बीजिंग ओलंपिक में खेली गई प्रतियोगिताओं में कार्लोस गोंगोरा के विरुद्ध कांस्य पदक के लिए दिलाया था. विजेंदर ने बड़ी ही सधी शुरुआत करते हुए ईक्वाडोर के मुक्केबाज़ कार्लोस गोंगोरा को 9-4 से हरा दिया। पहले राउंड में विजेंदर ने सधी हुई मुक्केबाज़ी करते हुए दो अंक जुटाए। दूसरे चक्र में भी वो रुक रुक कर मुक्के लगाते रहे और चार अंक जुटा लिए। तीसरे राउंड में गोंगोरा काफी थके हुए दिखे जिसका फ़ायदा विजेंदर ने उठाया और गोंगोरा को हराने में सफलता प्राप्त की। गोंगोरा को मामूली मुक्केबाज़ नहीं हैं, वे चार बार यूरोपीय चैंपियन रहे हैं। लेकिन सेमीफाइनल में वह उजबेकिस्तान के अब्बोस अतोयेफ के हाथों 3-7 से पराजित हो गए। मिडल वेट सेमीफाइनल मुकाबले में हार कर भी विजेंदर ने भारत के लिए इतिहास रच दिया है।
शरत कमल (टेबल टेनिस)
टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल ने वर्ष 2006 मेलबर्न में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. उन्होंने जुलाई 2010 में यूएस ओपन टेबल टेनिस का खिताब जीतकर राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की पदक की उम्मीदों को बढ़ा दिया है. उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें वर्ष 2004 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
तीरंदाजी
तीरंदाजी में भारत की उम्मीद पुरुषों में मंगल सिंह चापिया और महिलाओं में डोला बेनर्जी से लगी हुई हैं. दोहा में 2006 में हुए एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले चापिया को 2009 में अर्जुन अवार्ड दिया गया. वहीं डोला बेनर्जी तीरंदाजी में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित होने वाली पहली पहली तीरंदाज हैं. डोला ने बारे में हम आपकों एक बात ओर बता दें कि वह बॉलीवुड के मशहुर गायक शान की चचेरी बहन है. डोला बीजिंग ओलंपिक में फाइनल में पहुंचने से चूक गई थी.
स्कवैश
स्कवैश में महिला वर्ग में भारत की ओर से खेलने वाली दीपिका पल्लिकल और जोशना चिनपा से हैं. हालांकि दीपिका इस खेल में नई हैं लेकिन जोशना ब्रिटिश स्कवैश चैपियनशिप अपने नाम करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं. वहीं पुरुष वर्ग में भारत को पदक दिलाने का दारोमदार सौरव घोषाल के कंधों पर होगा. सौरव ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्होंने ब्रिटिश जूनियर ओपन का खिताब जीता है. उन्होंने ने दोहा में एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक झटका था. जिसके बाद उन्हें वर्ष 2007 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
सुशील कुमार
सुशील कुमार (1983) एक कुश्ती पहलवान हैं, जिन्होंने 2008 में बीजिंग में हुए ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीत कर 1952 के इतिहास को एक बार फिर से दोहराया। भारत के लिए कुश्ती में पहला 1952 महाराष्ट्र के खशाबा जाधव ने जीता था। सुशील कुमार ने 66 किग्रा फ्रीस्टाइल में कजाखिस्तान के लियोनिड स्प्रिडोनोव को हराया। जिसके लिए उन्हें 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया जो भारत का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है. सुशील ने 2006 में दोहा एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था। 14 वर्ष की उम्र से ही दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रतिदिन सुबह पाँच बजे से कुश्ती के दाँवपेच सीखने वाले सुशील ने 1998 में विश्व कैडिट खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद उन्होंने एशिया जूनियर कुश्ती चैपियनशिप 2000 में एक बार फिर सोने पर कब्जा जमाया. सुशील कुमार अभी भारत के सर्वश्रेष्ठ पहलवान है जिनसे राष्ट्रमंडल खेलों में सोने की आस लगाना बेमानी नहीं होगा.
सायना नेहवाल
सायना नेहवाल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। हाल में इन्हें विश्व बैडमिंटन संघ द्वारा विश्व में तीसरा दर्जा मिला है। सायना ऑलंपिक खेल में एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली प्रथम भारतीय महिला हैं. सायना का नाम विश्व इतिहास में 21 जून 2009 को लिखा गया, जब उन्होंने इंडोनेशियाई ओपन के बाद चीन के लिन वांग को जकार्ता में हराकर सुपर सीरीज़ टूर्नामेंट जीता। उन्होंने एक हफ्ते के अंदर तीन खिताबी जीत तय की थी.
अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर रायफल स्पर्धा में भारत के एक प्रमुख निशानेबाज हैं । वे 11 अगस्त 2008 को बीजिंग ओलंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने. क्वालीफाइंग मुकाबले में 596 अंक हासिल करने के बाद बिंद्रा ने जबर्दस्त मानसिक एकाग्रता का परिचय दिया और अंतिम दौर में 104.5 का स्कोर किया। उन्होंने कुल 700.5 अंकों के साथ स्वर्ण पर निशाना साधने में कामयाबी हासिल की। बिंद्रा ने क्वालीफाइंग मुकाबले में चौथा स्थान हासिल किया था, जबकि उनके प्रतियोगी गगन नारंग बहुत करीबी अंतर से फाइनल में पहुंच पाने से वंचित रह गए। वे नौवें स्थान पर रहे थे। पच्चीस वर्षीय अभिनव बिंद्रा एयर राफल निशानेबाजी में वर्ष 2006 में विश्व चैंपियन भी रह चुके हैं। 28 1982 को देहरादून में जन्मे अभिनव 1998 के राष्ट्रमंडलीय खेलों के सबसे युवा निशानेबाज थे। एमबीए कर चुके अभिनव फ्यूचरिस्टिक कम्पनी के सीईओ हैं। अभिनव बिंद्रा ने 15 साल की उम्र से निशानेबाजी करना प्रारंभ किया था।2000 में अभिनव सिडनी ओलंपिक के सबसे युवा निशानेबाज बने थे, लेकिन अनुभव के लिहाज से यह उनका पहला ओलंपिक था।
2001 के म्यूनिख कप में उन्होंने काँस्य पदक जीता। इसी साल मैनचेस्टर में वे 10 मीटर एयर राइफल का स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहे।
2004 में एथेंस ओलंपिक में अभिनव ने रिकॉर्ड तो कायम किया, लेकिन पदक जीतने से चूक गए।
2008 के बीजिंग ओलिम्पिक में बिंद्रा का निशाना सीधे सोने के पदक पर लगा।
अभिनव बिंद्रा को सन 2009 में भारत सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
समरेश जंग
समरेश जंग ने भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलो में निशानेबाजी में जसपाल राणा के बाद सर्वाधिक पदक हासिल किये हैं. भारत के लिए किसी भी खेल में सबसे ज्यादा पदक अर्जित करने वाले समरेश जंग दूसरे व्यक्ति हैं. उन्होंने 7 स्वर्ण 4 रजत 1 कांस्य मिलाकर कुल 12 पदक प्राप्त किये हैं.
पदक
स्वर्ण
2002 मेंस 25 मी स्टेंडर्ड पिस्टल टीम
2002 मेंस 50 मी फ्री पिस्टल टीम
2006 मेंस स्टेंडर्ड पिस्टल टीम
2006 मेंस 50 मी फ्री पिस्टल
2006 मेंस एयर पिस्टल
2006 मेंस एयर पिस्टल टीम
2006 मेंस सेंटर फ्री पिस्टल टीम
रजत
2002 मेंस 50 मी फ्री पिस्टल
2002 मेंस एयर पिस्टल
2002 मेंस एयर पिस्टल टीम
2006 मेंस 50 मी फ्री पिस्टल टीम
कांस्य
2006 मेंस सेंटर फायर
वीरधवल खाडे
महाराष्ट्र में जन्में वीरधवल खाडे भारत की ओर से 50 मी, 100 मी और 200 मी फ्री स्टाइल प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने वाले तैराक हैं. 2008 में बीजिंग में हुए समर ओलंपिक में उन्होंने 100 मीटर फ्री स्टाइल में राष्ट्रीय रिकार्ड कायम किया. लेकिन वह सेमीफाइनल में प्रवेश करने से चूक गए थे.