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विवादों के बीच राष्ट्रपति ने दिया खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार

खिलाड़ियों के चयन को लेकर विवाद और 20 साल में पहली बार किसी को खेल रत्न नहीं दिए जाने जैसी घटनाओं के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में समारोह में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार बांटे.

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हिना सिद्धू को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
हिना सिद्धू को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया

खिलाड़ियों के चयन को लेकर विवाद और 20 साल में पहली बार किसी को खेल रत्न नहीं दिए जाने जैसी घटनाओं के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में समारोह में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार बांटे.

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हमेशा की तरह इस बार भी पुरस्कारों पर चयन विवाद का साया रहा जब मुक्केबाज मनोज कुमार ने नई अंक प्रणाली के मुताबिक क्वालीफाई करने के बावजूद अर्जुन पुरस्कार नहीं दिए जाने पर खेल मंत्रालय को कोर्ट में घसीट दिया. इसके अलावा पुरस्कार चयन समिति को इस साल देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के लिए कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला.

इस पुरस्कार के लिए जो सात नाम 12 सदस्यीय पैनल के सामने रखे गए, उनमें से किसी के भी नाम पर सहमति नहीं बनी जिसके कारण 1994 से यह पहला मौका रहा जब इस शीर्ष पुरस्कार के लिए किसी खिलाड़ी के नाम की सिफारिश नहीं की गई. विवादों के इतर समारोह में पुरानी परंपरा बरकरार रही जब पुरस्कार विजेताओं ने सम्मानित अतिथियों की मौजूदगी में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच राष्ट्रपति से अपने अपने पुरस्कार हासिल किए. अतिथियों में उप राष्ट्रपति एम हामिद अंसारी और खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी शामिल थे.

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इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा वनडे सीरीज में हिस्सा लेने के लिए इंग्लैड में मौजूद भारतीय स्पिनर आर अश्विन समारोह के लिए नहीं आए. राष्ट्रपति ने इस मौके पर अभिषेक वर्मा (तीरंदाज), टिंटू लुका (एथलेटिक्स), एच एन गिरीशा (पैरालंपिक), वी दीजू (बैडमिंटन), गीतू आन जोस (बास्केटबॉल), जय भगवान (मुक्केबाजी), अनिर्बान लाहिड़ी (गोल्फ), ममता पुजारी (कबड्डी), साजी थॉमस (रोइंग), हीना सिद्धू (निशानेबाजी), अनाका अलंकामोनी (स्क्वाश), टॉम जोसफ (वालीबॉल), रेणुबाला चानू (भारोत्तोलन) और सुनील राणा (कुश्ती) को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया.

अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यान चंद पुरस्कार विजेताओं को प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र और पांच लाख रुपये की इनामी राशि दी गई. राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार विजेताओं को ट्रॉफी दी गई. पूर्व क्रिकेटर कपिल देव की अगुआई वाले पुरस्कार चयन पैनल में अंजू बॉबी जॉर्ज और कुंजरानी देवी जैसे पूर्व खिलाड़ियों के अलावा दो मीडियाकर्मी और तीन सरकारी प्रतिनिधि शामिल थे. भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक जिजि थॉमसन भी पैनल का हिस्सा थे.

कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट जयभगवान को पुरस्कार के लिए चुनने, जबकि इसी प्रतियोगिता के गोल्ड मेडलिस्ट मनोज की अनदेखी से पुरस्कारों से पहले काफी विवाद हो गया था. इसके अलावा 20 वर्षीय स्क्वाश खिलाड़ी अनाका अलंकामोनी के नाम को शामिल करने पर भी विवाद हुआय सम्मान के लिए दावेदारी रखने वाले मुक्केबाजों में मनोज ने सर्वाधिक 32 अंक हासिल किए थे लेकिन जय भगवान को सम्मान के लिए चुना गया जिनके उनसे दो अंक कम थे.

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पुरस्कार विजेताओं की सूची इस प्रकार हैः
द्रोणाचार्य पुरस्कार- महाबीर प्रसाद (कुश्ती), एन लिंगप्पा (एथलेटिक्स-लाइफटाइम), जी मनोहरन (मुक्केबाजी-लाइफटाइम), गुरचरण सिंह गोगी (जूडो-लाइफटाइम), जोस जेकब (रोइंग-लाइफटाइम)

ध्यान चंद पुरस्कार: गुरमेल सिंह (हॉकी), केपी ठक्कर (तैराकी, गोताखोरी), जीशान अली (टेनिस)

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार: ओएनजीसी, जिंदल स्टील वर्क्स (जेएसडब्ल्यू), गुरु हनुमान अखाड़ा (दिल्ली), चाइल्ड लिंक फाउंडेशन ऑफ इंडिया (मैजिक बस)

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