ऐतिहासिक फिरोजशाह कोटला मैदान के 65 साल के इतिहास में अनेकों बेमिसाल रिकॉर्ड बने हैं. उनमें से कई रिकॉर्ड अब भी कायम हैं लेकिन जब भी इस मैदान पर कोई नया मैच खेला जाता है तो उनके टूटने की संभावना बनी रहती है.
इस मैदान पर एक रिकॉर्ड भारतीय टीम का भी है. यह टीम बीते 26 साल से यहां हारी नहीं है. अब '27 साल' की युवा भारतीय टीम के सामने यह चुनौती है कि वह इस रिकॉर्ड को कायम रख पाती है या नहीं.
भारत की युवा ब्रिगेड के आधा दर्जन से अधिक खिलाड़ी 26 साल से कम के हैं. मजेदार बात यह है कि भारतीय टीम जब कोटला में अंतिम बार हारी थी, तब इनका जन्म भी नहीं हुआ था और कुछ एक को छोड़कर बाकियों ने तो क्रिकेट का ककहरा भी नहीं सीखा होगा.
अब हालांकि इनके सामने इस मैदान पर अपनी टीम की अजेय स्थिति बनाए रखने के साथ-साथ अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में सबसे बड़े अंतर से श्रृंखला जीतने की चुनौती है.
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 3-0 से आगे चल रही है.
यदि वह शुक्रवार से खेले जाने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट में जीत दर्ज करती है तो भारत के 81 साल के टेस्ट इतिहास में यह पहला अवसर होगा जबकि टीम चार मैचों की श्रृंखला में क्लीनस्वीप करेगी.
बीते 27 साल से कोटला भारतीय टीम के लिए लकी रहा है क्योंकि इस दौरान यहां खेले गए नौ मैचों में से भारत एक भी हारा नहीं है. कोटला में भारत को अंतिम बार हार 29 नवंबर, 1987 में मिली थी. वेस्टंडीज ने उसे पांच विकेट से हराया था.
उससे पहले के 10 मैच भी भारत के लिए काफी खराब रहे थे. 1972 से लेकर 1987 के बीच भारत को 1972, 1974 और 1976 में क्रमश: इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड से हार मिली थी.
इसके बाद 1979 से 1983 के बीच पांच मैच बेनतीजा रहे और फिर 1984 में भारत को एक बार फिर इंग्लैंड ने पटखनी दी. वेस्टइंडीज से 1987 में मिली हार से ठीक पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें इस मैदान पर भिड़ी थीं, जिसका नतीजा नहीं निकल सका था.
वर्ष 1987 में भारत ने वेस्टइंडीज से पटखनी खाने के बाद इस मैदान पर अपना अजेय क्रम बरकरार रखा और उसके बाद कुल 10 मैचों में से नौ में जीत हासिल की. वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलिया के साथ यहां एक बार फिर भिड़ंत हुई थी, जो बेनतीजा रहा था.
इस मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 मार्च से सातवां मैच खेला जाएगा. अब तक भारत को दो मैचों में जीत मिली है जबकि एक में ऑस्ट्रेलिया जीता है. तीन मैच बराबरी पर छूटे हैं. भारत ने 1996 और 1969 में ऑस्ट्रेलिया को हराया था.
वैसे कोटला पर अब तक का सबसे बेमिसाल रिकॉर्ड अनिल कुंबले के नाम है, जिन्होंने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ दूसरी पारी में सभी 10 विकेट लेकर जिम लेकर के कारनामे की बराबरी की थी.
कुंबले का गेंदबाजी विश्लेषण था 26.3 ओवर में नौ मेडन, 74 रन और 10 विकेट. कुंबले शुरू से आखिर तक इसे अपने लिए भाग्यशाली मैदान मानते रहे और उन्होंने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी मैदान पर आखिरी टेस्ट मैच खेलकर क्रिकेट को अलविदा कहा था.