महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की प्रक्रिया 14 नवंबर को उनके विदाई टेस्ट के पहले दिन ही शुरू हो गई थी. हालांकि इसकी घोषणा दो दिन बाद की गई. सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मिले जवाब में यह खुलासा हुआ है.
कैंसर से जूझ रहे खेल प्रेमी आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत दुबे ने यह सूचना मांगी थी. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा उन्हें इस कानून के तहत उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में बताया गया है कि पीएमओ से निदेशक राजीव टोपनो के हस्ताक्षर युक्त फैक्स 14 नवंबर 2013 को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर खेल मंत्रालय को भेजा गया, जिसमें एक निर्धारित प्रारूप में तेंदुलकर का ‘बायो डाटा’ भेजने के निर्देश दिए गए थे.
इस पर कार्रवाई करते हुए खेल मंत्रालय ने उसी दिन शाम 5 बजकर 22 मिनट पर मात्र चार घंटे के अंदर पीएमओ को तेंदुलकर का ‘बायो डाटा’ भेज दिया. इसे खेल सचिव के अनुमोदन पर युवा मामले एवं खेल मंत्रालय में अवर सचिव एसपीएस तोमर को भेजा गया. तेंदुलकर तब अपने घरेलू मैदान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर 200वां और अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे थे और मैच के दूसरे दिन 15 नवंबर को स्टेडियम पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी दर्शकों में शामिल थे.
आरटीआई दस्तावेज के मुताबिक इसके बाद 15 नवंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने संबंधी प्रस्ताव राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अनुमोदन के लिए भेजा और राष्ट्रपति का अनुमोदन मिलते ही 16 नवंबर को चौबीस घंटे बाद इसकी घोषणा कर दी गई.
प्रधानमंत्री ने तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की सूचना देते हुए 17 नवंबर को उन्हें एक पत्र भेज दिया. उन्होने कहा कि खेल मंत्रालय ने हांलाकि इससे पहले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को ‘भारत रत्न’ से विभूषित करने की सिफारिश भेजी थी, लेकिन अंतिम समय में इसे तेंदुलकर को देने का निर्णय लिया गया.
खेल प्रेमी दुबे ने तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ सम्मान प्रदान किए जाने संबंधी कार्यवाही के दस्तावेज आरटीआई के तहत मुहैया कराने के लिए 27 नवंबर 2013 को आवेदन किया था. पीएमओ ने 14 पेज का जवाब उन्हें 17 जनवरी 2014 को उपलब्ध कराया, जिस पर उप सचिव एवं लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) सैयद इकराम रिजवी के हस्ताक्षर हैं.
उन्होंने बताया कि आरटीआई के तहत उन्होंने पीएमओ से उस पत्र की प्रति भी मुहैया कराने का आवेदन किया था, जो प्रधानमंत्री ने इस मामले में राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा था, लेकिन संबंधित अधिकारी ने यह कहते हुए उसे उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया कि संविधान के अनुच्छेद 74 (2) के प्रावधानों के तहत यह पत्राचार सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.
दुबे ने हालांकि बताया कि इस पत्र को छोड़कर पीएमओ ने तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने से संबंधित फाइल एवं अन्य पत्राचार 14 पेज में उन्हें उपलब्ध करा दिया है. तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ सम्मान चार फरवरी को नई दिल्ली में प्रदान किया जाएगा.