चैंपियंस ट्रॉफी में हार के साथ शुरुआत करने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम को एक और झटका लगा है. डेल स्टेन की चोट पहले ही दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए चिंता का सबब बनी हुई है और ऐसे में मोर्ने मोर्केल भी टीम से बाहर हो गए हैं. इससे प्रोटीज की पेस बैटरी बिल्कुल फ्यूज सी हो गई है.
प्रोटीज की पेस बैटरी पर ग्रहण
मोर्ने हुए चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर
गुरुवार को भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका को 26 रनों की हार झेलनी पड़ी थी. इस मैच में मोर्केल महज 6.5 ओवर कर पाए थे और उन्हें मैदान छोड़ना पड़ गया था. मोर्केल की जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था. मोर्केल ने 6.5 ओवर के अपने स्पेल में 27 रन दिए थे और अपनी गेंदों से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान भी कर रहे थे. मोर्कल की चोट ग्रेड वन की है और उन्हें पूरी फिटनेस हासिल करने में तीन सप्ताह का समय लग जाएगा.
डेल स्टेन पर भी सस्पेंस बरकरार
वहीं दक्षिण अफ्रीकी पेस बैटरी के सबसे धारदार तेज गेंदबाज डेल स्टेन पहले ही चोट की समस्या से जूझ रहे हैं. भारत के खिलाफ तो नहीं ही खेल पाए थे, और आगे के मैचों के लिए भी उनके ऊपर सस्पेंस बरकरार है. डेल स्टेन भी मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी से जूझ रहे हैं. स्टेन पाकिस्तान के खिलाफ ओवल में खेले गये अभ्यास मैच में 5 ओवर करने के बाद हट गये थे. दक्षिण अफ्रीका के लिए जो थोड़ी राहत की बात है वो ये है कि स्टेन अभी भी टूर्नामेंट से बाहर नहीं हुए हैं और आने वाले मैचों में उनकी वापसी करने की संभावना है.
मौजूदा तेज गेंदबाजों में अनुभव की कमी
टीम में फिलहाल सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज के रूप में हैं लोनवाबो सोटसोबे. सोटसोबे को 45 वनडे इंटरनेशनल मैचों का अनुभव है. हालांकि अपने छोटे से करियर में सोटसोबे ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके हैं. सोटसोबे के नाम पर 45 मैचों में 75 विकेट दर्ज हैं. इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 4.86 रहा है जबकि स्ट्राइक रेट 29.5 है.
मोर्ने मोर्केल की जगह टीम में क्रिस मौरिस को शामिल किया गया है. लेकिन क्रिस मौरिस के लिए राह आसान नहीं होगी. मौरिस ने अभी तक एक भी वनडे इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है, हालांकि उन्होंने 2 इंटरनेशनल टी-20 मैच जरूर खेले हैं. इस दौरान उन्होंने 4 विकेट झटके हैं. मौरिस को अगर टीम में शामिल किया गया है तो इसके पीछे आईपीएल में किया गया उनका बेहतर प्रदर्शन भी है. चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए मौरिस ने 16 मैचों में 15 विकेट झटके थे. लेकिन मोर्केल और स्टेन की गैरमौजूदगी में मौरिस के कंधों पर जिम्मेदारी का भार काफी बढ़ जाएगा.
रोरी क्लीनवेल्ट की बात करें तो उन्हें पेस बैटरी में शामिल करना थोड़ी बेइमानी होगी. क्लीनवेल्ट के पास रफ्तार की कमी है और अनुभव की भी. क्लीनवेल्ट के नाम पर 8 वनडे इंटरनेशनल मैच दर्ज हैं और इस दौरान उन्होंने विरोधी टीम के 11 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है. उनका इकॉनमी रेट भी कुछ प्रभावित करने वाला नहीं है और उन्होंने 5.51 की औसत से हर ओवर में रन लुटाए हैं.
ये कहना गलत नहीं होगा कि पेस बैटरी की ताकत के बिना दक्षिण अफ्रीका के लिए टूर्नामेंट में वापसी करना मुश्किल होगा लेकिन प्रोटीज ने इससे पहले भी कई बार नामुमकिन को मुमकिन बनाया है. उम्मीद यही की जा सकती है कि स्टेन वापसी करेंगे और प्रोटीज को आगे के मैचों में जीत दिलाएंगे.