क्रिकेट मैदान पर जो अपनी गलती से सीखता है वही बनता है धुरंधर. इंग्लैंड के खिलाफ टॉप ऑर्डर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा पूरी तरह से फ्लॉप हो गए. इंग्लिश गेंदबाजों ने उनकी तकनीकी खामियों की पोल खोल कर रख दी. इस कमी को दूर करने के लिए अब पुजारा ने काउंटी क्रिकेट खेलने का प्लान बनाया है. इस बाबत उन्होंने बीसीसीआई से इजाजत मागी थी जो उन्हें मिल गई है.
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने कहा, 'पुजारा अब वनडे और टी20 टीम का हिस्सा नहीं हैं और वह खेलने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने काउंटी क्रिकेट में खेलने के लिए मुझसे अनुमति मांगी और मैंने उन्हें विस्तृत जानकारी भेजने के लिए कहा. मैंने उन्हें खेलने की अनुमति देने का फैसला किया है.'
पटेल ने कहा, 'यदि रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट से तिथियों का टकराव नहीं हो रहा हो तो हमने कभी किसी खिलाड़ी को काउंटी क्रिकेट में खेलने के लिए मना नहीं किया. आपको याद होगा कि हमने गौतम गंभीर को इंग्लिश काउंटी क्रिकेट (एसेक्स के लिए 2013 में) खेलने की अनुमति दी थी.'
गौरतलब है कि भारतीय बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के बाद ज्यादातर पूर्व क्रिकेटरों का मानना था कि बैंटिंग के इस तरह से फ्लॉप होने के पीछे इंग्लैंड की परिस्थितियों में क्रिकेट खेलने का अनुभव नहीं होना अहम वजह थी. इस कमी को दूर करने के लिए उन्हें काउंटी क्रिकेट के लिए वक्त निकालना चाहिए.
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली ने टेस्ट सीरीज के कमेंटरी के दौरान बताया था कि उनकी मुलाकात पुजारा से हुई तो उन्होंने भी उसे काउंटी क्रिकेट खेलने का सुझाव दिया. ऐसा लगता है कि पुजारा ने उनके इस सुझाव को गंभीरता से लिया.
काउंटी क्लब लिश्टरशायर ने उन्हें साइन करने की पहल शुरू कर दी है. अगर करार हो जाता है कि पुजारा इस सीजन के आखिरी सत्र में टीम के लिए खेल पाएंगे. अब जब पुजारा ने क्लब क्रिकेट के लिए खुद को उपलब्ध बताया है तो अन्य देशों के घरेलू क्रिकेट टीमों की भी नजर उनपर होगी.