हर तरफ पीवी सिंधू के नाम की धूम है ब्राजील में चल रहे 31वें रियो ओलंपिक में सिंधू ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा. सिंधू अपनी इस कामयाबी पर बेहद खुश हैं. सिंधू ने जीत के बाद कहा कि 'उन्होंने शुरुआत में सोचना नहीं था कि वह पदक जीत पाएंगी'. सिंधू को दुनिया की नंबर एक और पहली वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मारिन के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी.
हार कर भी जीतीं सिंधू
मारिन ने 10वीं विश्व वरीयता प्राप्त सिंधु को 19-21, 21-12, 21-15 से हराया. सिंधु का यह पहला ओलंपिक था और उन्होंने अपने पहले ओलंपिक में इतिहास रच दिया, अपनी इस शानदार जीत के बाद सिंधू ने कहा कि, 'मुझे गर्व है कि मैं ओलंपिक में रजत पदक जीत सकी. हां, स्वर्ण इससे काफी बेहतर होता, लेकिन मैं अच्छा खेली'.
गोपीचंद को 'सलाम'
सिंधू की सफलता के पीछे उनके कोच पुलेला गोपीचंद का बड़ा हाथ है. पद्म भूषण गुरू गोपी ने देश को कई वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी दिए. 2012 लंदन ओलंपिक में सायना नेहवाल ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था., और वो पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनी, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता था. भारतीय बै़डमिंटन संघ ने पीवी सिंधू को 50 लाख और कोच गोपीचंद को 10 लाख रुपए देने की घोषणा की है. सिंधू की कामयाबी पर गोपी ने कहा कि 'उन्हें अपनी शिष्या पर नाज है पूरे टूर्नामेंट में सिंधू ने जबरदस्त खेल दिखाया, और वो एक बहुत बड़ी खिलाड़ी बन गई हैं'. उन्होंने कहा, सिंधू ने मैच हारा नहीं, सिल्वर जीता है.